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शिमला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र ( Winter Session of Himachal Vidhansabha) के स्थगित किए जाने के जयराम सरकार ( Jairam Govt)के फैसले को माकपा विधायक राकेश सिंघा ( CPI-M MLA Rakesh Singha) ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। आज मीडिया से बातचीत के दौरान सिंघा ने आरोप लगाया कि कोरोना के खिलाफ सरकार के हथियार डाल दिए हैं। सत्र टालने के कैबिनेट के फैसले पर सिंघा के सीएम को पत्र लिखकर नाराज़गी ज़ाहिर की है। सिंघा ने कहा उन्हें आश्चर्य है कि सरकार ने अचानक कैबिनेट बुलाकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र को टाल दिया गया। सर्वदलीय बैठक में सत्र करवाने पर सभी विपक्षी दलों का एक विचार था व कांग्रेस सहित माकपा व निर्दलीय ने सत्र बुलवाने की बात कही थी। लेकिन सरकार ने कारोना की जंग में हाथ कड़े कर दिए है, ऐसे लगा जैसे सरकार निहत्था हो गई है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। विधानसभा शीतकालीन सत्र को रद्द करना उनकी समझ से परे है।
कारोना ( Corona) के मामले जिस रफ़्तार से बढ़ रहे हैं, उससे लगता है, जैसे आने वाले समय में प्रदेश की अधिकतर जनता इसकी चपेट में आएगी। जो इंतज़ाम लॉकडाउन के दौरान सरकार को करने चाहिए थे वह नहीं किए गए।
सिंघा ने कहा कारोना से लड़ने के लिए सरकार जो अभियान चला रही है, उसमें आंगनबाड़ी व आशा वर्कर्स को झोंक रहे है। उनके लिए संसाधन न के बराबर है। सरकार को मौत के आंकड़े को कम करने की दिशा में काम करना चाहिए। विधानसभा का सत्र को टालने से कुछ नही होगा।किसान के विरोध में 3 काले क़ानून बिना चर्चा के केन्द्र सरकार ने पास कर दिए। परिणामस्वरूप किसान सड़कों पर है। किसान अपने जीवित रहने की लड़ाई लड़ रहे है। सीपीआईएम मांग करती है कि इन तीनों कानूनों को सरकार वापिस लें।
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