-
Advertisement
School bus का किराया कम नहीं किया तो करेंगे आंदोलन
Last Updated on January 31, 2020 by Deepak
शिमला। स्कूल बसों के मासिक किराए में की गई भारी-भरकम वृद्धि को लेकर सीपीआईएम (CPIM ) ने आवाज बुलंद की है। सीपीआईएम की मांग है कि इस फैसले को तुरंत वापिस लिया जाए। सीपीआईएम का कहना है कि जिला प्रशासन ने सरकार के आदेशानुसार हाल ही में निजी बस ऑपरेटरों के साथ बैठक कर स्कूल बसों का किराया बढ़ाने का एकतरफा फैसला लिया है। इससे सरकार व प्रशासन की मंशा पर सवालिया निशान लगता है क्योंकि इस बैठक में केवल प्रशासन व निजी बस ऑपरेटर ही निर्णय को लेने में भागीदार रहे हैं। प्रशासन ने ना ही अभिभावकों या जन प्रतिनिधियों को इस बैठक में शामिल किया और ना ही उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया गया।
यह भी पढ़ें: फतेहपुर से लापता दूसरे नाबालिग का भी मिला शव, पहाड़ी के नीचे से बरामद
सरकार के आदेशानुसार प्रशासन ने स्कूल बसों (School buses) का किराया 12 किलोमीटर के लिए (जो वर्तमान में पथ परिवहन निगम द्वारा 900 रुपये प्रति माह तय किया है) बढ़ाकर निजी बसों को फायदा पहुंचाने के लिए 1800 रुपये प्रति माह कर दिया है जोकि बिल्कुल भी तार्किक नहीं है क्योंकि यह सरकार द्वारा तय किए गए किराए से लगभग दोगुना है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार इस महंगाई के दौर में जनता को राहत प्रदान करने की बजाय आर्थिक बोझ (Economic burden) लादने का काम कर रही है।
सीपीएम ने मांग की है कि सीएम जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री व प्रशासन को इस अतार्किक फैसले को वापस लेने के तुरंत निर्देश दें ताकि जनता को इस कमर तोड़ महंगाई के दौर में कुछ राहत मिल सके और जब तक निजी स्कूल अपनी बसें नहीं खरीद लेते सरकार पथ परिवहन निगम की बसें उपलब्ध करवाए। यदि सरकार इस जनविरोधी निर्णय को वापस नहीं लेती तो सीपीएम शहर की जनता को लामबंद कर आंदोलन करेगी।