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माकपा बेरोजगारों को देगी 3 हज़ार, मजदूरों को मिलेगा 26 हजार वेतन; जारी किया घोषणा पत्र
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए माकपा (CPI(M) ) ने बीजेपी और कांग्रेस से पहले ही अपना चुनावी घोषणा पत्र (Election Manifesto) जारी कर दिया है। गुरुवार को जारी किए अपने घोषणा पत्र में माकपा ने हर वर्ग को लुभाने का प्रयास किया है। माकपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगारों को हर माह तीन हजार रुपए देने (Unemployment allowance) के साथ ही कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल करने का वादा किया है। इसके अलावा माकपा ने मजदूरों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है। माकपा ने मजदूरों (Labours) को प्रतिमाह न्यूनतम वेतन 26 हजार देने की घोषणा की है। सीपीआईएम के राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद ने कहा कि माकपा के घोषणा पत्र में हिमाचल को पुन: विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर विशेष आर्थिक पैकेज को बहाल करना, चंडीगढ़ से राज्य का 7.19 फ़ीसदी हिस्सा लेना, प्रदेश के जंगलों की रक्षा के लिए केंद्र से 1000 करोड रुपए का मुआवजा लेना, बिजली उत्पादन में 10 फ़ीसदी प्रति यूनिट के हिसाब से रॉयल्टी दिलवाना, प्रदेश की नदियों के पानी को संसाधन के रूप में विकसित करने के लिए विशेष ग्रांट लेना, सीमेंट व दूसरे उद्योग पर निर्यात शुल्क लगाना, पर्यटक स्थलों (Tourist Places) को विकसित करना, हर रोजगार के साथ सामाजिक सुरक्षा को शामिल करने जैसी घोषणाएं की है।
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डॉ ओंकार शाद ने कहा की हिमाचल में ओपीएस की बहाली, गैर सरकारी कर्मियों को ईपीएफ, ईएसआई, मेडिकल व पेंशन की सुविधा दिलवाना, मजदूरों के लिए न्युनतम वेतन 26000 करवाना, सरकारी विभागों में नियमित भर्तियां, बेरोजगारों को प्रतिमाह तीन हज़ार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर व मिड डे मिल के लिए स्थायी नीति बनाने सहित कृषि बागबानी, शिक्षा स्वास्थ्य, महिलाओं आदि के लिए काम करने की घोषणा की है। माकपा हिमाचल में 11 सीटों पर जबकि एक सीट पर CPI चुनाव लड़ रही है। बता दें कि बीजेपी (BJP) कल यानी 4 नवंबर को अपना घोषणा पत्र जारी करेगी। जबकि कांग्रेस (Congress) 5 नवंबर को अपना घोषणा पत्र जारी करेगी।
माकपा के यह हैं मुख्य मुद्दे
- कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली करना।
- आउटसोर्स, पार्ट टाईम, स्कीम व ठेका कर्मियों को नियमित करना मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपए प्रतिमाह करना
- नई शिक्षा नीति रद्द करना व फीस वृद्धि वापिस करना। कृषि व बागवानी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करना
- सेब बागवानों के लिए कश्मीर की तर्ज पर MIS का प्रावधान करना। पानी व अन्य सेवाओं के निजीकरण को रोकना
- मनरेगा में 200 दिन का काम व न्यूनतम दिहाड़ी 350 रुपए सुनिश्चित करना।
- भूमिहीन व गरीब किसान को 5 बीघा जमीन मुफ्त दिलवाना।
- युवाओं को 3,000 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिलवाना।
- आवासहीन को शहरी क्षेत्र में 2 बिस्वा व ग्रामीण क्षेत्र में 3 बिस्वा जमीन उपलब्ध करवाना।
- टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देना।