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पांवटा साहिब में सैन्य सम्मान के साथ शहीद आशीष का अंतिम संस्कार, जुड़वा और बड़े भाई ने दी मुखाग्नि
Martyr Ashish Kumar Of Paonta Sahib : पांवटा साहिब। जिला सिरमौर (Sirmaur) के गिरिपार क्षेत्र के जवान आशीष कुमार (Ashish Kumar) का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ यमुना (Yamuna) किनारे हुआ। आंजभोज के भरली गांव के वीर सपूत आशीष कुमार अरुणांचल प्रदेश (Arunanachal Pradesh) में एक सैन्य ऑपरेशन (Military Operation) के दौरान वाहन दुर्घटना (Road Accident) में शहीद हुए थे। शहीद की अंतिम विदाई में भारत माता की जय और आशीष कुमार अमर रहे के नारे गूंजते रहे। शहीद को उसके बड़े भाई राहुल और जुड़वा भाई रोहित ने मुखाग्नि दी।
आज सुबह गाँव पहुंची थी पार्थिव देह
इससे पहले आज सुबह 6:12 बजे आशीष कुमार की पार्थिव देह पांवटा साहिब (Paonta Sahib) पहुंची। इसके बाद उनके पैतृक गांव भरली पहुंचने के बाद वापस पांवटा साहिब लाई गई और अंतिम संस्कार के लिए यमुना नदी के तट पर ले जाया गया। भारी बारिश के बावजूद भूतपूर्व सैनिक संगठन (Ex-Servicemen Organization) के पदाधिकारी और सदस्य पांवटा साहिब में डटे रहे। लोगों ने “आशीष कुमार अमर रहे, भारत माता की जय” के नारों से गुरु की नगरी पांवटा साहिब को गूंजायमान किया।
बारिश के बावजूद अंतिम दर्शन को पहुंचे लोग
अंतिम विदाई देने के लिए भरली गांव से लेकर अंबोया, राजपुर, डांडा, भूंगरानी, पुरुवाला और पांवटा साहिब में हजारों लोगों की लंबी लाइनें लगी रहीं। लोगों ने पार्थिव देह पर पुष्प वर्षा कर बलिदानी को अंतिम विदाई दी। इस दौरान हर आंख नम हुई। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में सेना के अधिकारी, जवान और प्रशासनिक अधिकारी (Administration Officer) भी मौजूद रहे।
छह साल पहले आर्मी में भर्ती हुए थे आशीष
सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र (Girpar of Sirmaur) आंजभोज के भरली गांव के निवासी आशीष कुमार का जन्म 14 मार्च 1999 को हुआ था। वह 19 ग्रेनेडियर बटालियन के अधीन अरुणाचल प्रदेश (Arunanchal Pradesh) में सेवारत थे। आशीष लगभग छह साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। आशीष के परिवार में उनकी मां, बड़े भाई राहुल, जुड़वां भाई रोहित और बहन पूजा हैं। आशीष के पिता श्याम सिंह का पहले ही निधन हो चुका है। पूजा वन विभाग में वनरक्षक के रूप में तैनात हैं।