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दयाराम कश्यप/सोलन। आश्रय गोसदन कम संसाधनों में भी गउओं के लिए उचित प्रबंध कर रहा है। साथ ही इस वर्ष महिलाओं को स्वरोजगार (Self Employment) के लिए भी इंतजाम करने में मदद कर रहा है। इस कड़ी में यहां इन दिनों आने वाले त्योहारों के लिए गोबर व अन्य कुछ सामान का इस्तेमाल कर दीपक बनाए गए हैं। इसके उपरांत हवन व दाह संस्कार करने के लिए गोबर से बनी लकड़ियां भी ये महिलाएं तैयार करेंगी।
यहां दीपक (Lamp) बनाने वाली स्थानीय महिलाओं के अनुसार गाय के गोबर के अलावा, मुल्तानी मिट्टी, चावल का आटा व हल्दी (Turmeric) जैसी गुणकारी वस्तुओं के प्रयोग से दीयों को बनाया जा रहा है, ताकि यहां महिलाओं को भी रोजगार मिल पाए। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर में मां लक्ष्मी वास करती हैं और दीपावली के दिन लोग इन दीयों के रूप में मां लक्ष्मी को अपने घर ले जा सकते हैं।
आश्रय गोसदन सोलन (#Solan) के संचालक प्रदीप शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गोसदन की गउओं के गोबर को इस्तेमाल कर यहां महिलाओं द्वारा दीए बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये दीए बाजार में निश्चित स्थानों पर बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें इन दीयों को लेने के लिए दूरभाष पर भी संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा इस वर्ष करीब 3000 दिए बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत यह महिलाएं हवन व दाह संस्कार के लिए गोबर से बनी लकड़ियां भी तैयार करेंगी।
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