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पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election) की तारीख नजदीक आने के साथ ही सूबे का राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। इस सब के बीच चुनाव को लेकर ओपिनियन पोल के नतीजे सामने आने लगे हैं। सीएसडीएस-लोकनीति (CSDS-Lokniti Opinion Poll) के साथ मिलकर आजतक न्यूज चैनल ने सर्वे किया है। इस ओपिनयन पोल में एक बार फिर से बिहार में नीतीश कुमार का जलवा बरकरार दिखाई दे रहा है। इस ओपिनियन पोल के मुताबिक महागठबंधन दूसरे स्थान पर रहेगा, हालांकि उसके मत प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी। इस ओपिनियन पोल के आधार पर एनडीए को 133-143 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, महागठबंधन को 88-98 सीट और अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है।
इस ओपिनियन पोल का सबसे हैरान करने वाला अंश चिराग पासवान के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे एलजेपी से जुड़ा हुआ है। जिन्होंने हाल ही में एनडीए से अलग होकर अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस ओपिनियन पोल की मानें तो एलजेपी को 2-6 सीट मिलने का अनुमान है। गौरतलब है कि इससे पहले माना जा रहा था कि एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान की मौत होने से इस चुनाव में एलजेपी को फायदा मिल सकता है लेकिन ओपिनियन पोल के परिणाम कुछ और ही नजर पेश करते हुए नजर आ रहे हैं।
बिहार में 38 प्रतिशत लोगों ने एनडीए पर फिर भरोसा जताया है। वहीं 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बने जबकि 6 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राज्य में एलजेपी की सरकार बननी चाहिए। ओपिनियन पोल के दौरान लोगों से यह जानने की कोशिश की गई कि बिहार में चुनावी मुद्दा क्या होना चाहिए। लोगों को विकास, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी और शिक्षा का विकल्प दिया गया, जिनमें से 29 प्रतिशत लोगों ने माना कि विकास चुनावी मुद्दा होना चाहिए। जबकि 20 फीसदी बेरोजगारी, 11 फीसदी महंगाई, 6 फीसदी गरीबी और 7 फीसदी लोगों ने शिक्षा को चुनावी मुद्दा माना।
लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में सीएम के रूप में लोगों की पहली पसंद नीतीश कुमार हैं। 31 फीसदी लोगों की पसंद के साथ वो पहले नंबर पर हैं तो आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव 27 फीसदी लोगों की पसंद के साथ दूसरे, एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान 5 फीसदी के साथ तीसरे और बीजेपी नेता सुशील मोदी 4 फीसदी लोगों की पसंद के साथ चौथे स्थान पर हैं।
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