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स्नो फेस्टिवल के बीच चिलड़ा, मन्ना और सिड्डू के चटकारे, लोक नृत्यों ने मोहा मन
Last Updated on February 7, 2021 by Sintu Kumar
केलांग। हिमाचल के लाहुल में आजकल स्नो फेस्टिवल की धूम है। रविवार को स्नो फेस्टिवल में त्रिलोकनाथ (टुंडे) में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय (Technical Education Minister Dr. Ramlal Markandeya) ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने पुरातन धरोहर के संरक्षण के लिए त्रिलोकीनाथ मंदिर में एक बढ़िया म्यूज़ियम बनाने की बात भी कही। सांस्कृति कार्यक्रम के उपरांत मुख्यातिथि और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने यहां के पारंपरिक व्यंजन चिलड़ा मन्ना और सिड्डू के खूब चटकारे लिए। त्रिलोकनाथ (Triloknath) में आज आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Program) का आगाज सभी महिला व युवक मंडलों द्वारा निकाली गई भव्य झांकी यात्रा के साथ किया गया। त्रिलोकनाथनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना ने बाद झांकी यात्रा कार्यक्रम स्थल तक पहुंची। इसके बाद डा मार्कंडेय ने आकर्षक पुरातन विरासती वस्तुओं व हस्तशिल्प से बनी चीजों की प्रदर्शनी का अवलोकन करने के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में महिला मंडल त्रिलोकनाथ, हिन्सा, शकोली, बरदंग, छातिंग, मशादी, किशोरी, कुकुमसेरी, आदि की टीमों ने अपने-अपने लोक नृत्यों से सभी का मन मोह लिया।
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इस अवसर पर डॉ रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि अटल टनल (Atal Tunnel) के खुल जाने से लाहुल घाटी के लोगो को बर्फ की कैद से छुटकारा मिला है। इसी खुशी को स्नो फेस्टिवल (Snow Festival) के रूप में मनाया जा रहा है। अब हर साल घाटी के हर गांव में यह स्नो फ़ेस्टिवल मनाया जाएगा। लाहुल की संस्कृतिए खान .पान सब कुछ अपने आप में बहुत ही विशिष्ट है। गर्मियों में ट्राइबल युवा उत्सव सिस्सु से शुरू होकर पूरे लाहुल (Lahul) की भागीदारी से आयोजित होगा। पुरातन धरोहर के संरक्षण के लिए त्रिलोकीनाथ मन्दिर (Triloknath Temple) में एक बढ़िया म्यूज़ियम बनाया जाएगा। उन्होने कहा कि इस फ़ेस्टिवल के माध्यम से समृद्ध ट्राइबल संस्कृति को एक मंच पर लाने व यहां के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सुविधाओं के अभाव में इस बार सर्दियों में पर्यटक (Tourist) नही पहुंच पाए। आने वाले समय मे संरचनात्मक ढांचे को विकसित किया जाएगा, ताकि पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि भविष्य में जिप लाइनिंग, चादर-ट्रेकिंग आदि नई परियोजनाओं को भी पर्यटन के साथ जोड़ा जाएगा। पूरे लाहुल को टेलीकॉम नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर डॉ. मारकंडा सहित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को यहां के पारंपरिक व्यंजन चिलड़ा, मन्ना, सिड्डू आदि भी परोसे गए।