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समस्तीपुर (बिहार)। बरसात के दिनों में जहां हर जगह पानी-पानी होने के चलते लगभग हर राज्य में आम जनजीवन परेशान होता है, तो वहीं जीव-जंतू भी इधर-उधर घरों में घूस कर परेशानी और खतरे का कारण बन जाते हैं। इनमें सबसे बड़ा खतरा सांपों (Snakes) का होता है। जैसे ही कोई जहरीला (Poisonous) सांप नजर आता है तो हर जगह अफरा-तफरी मच जाती है। ऐसी परिस्थितियों के बीच एक गांव ऐसा भी है, जहां के ग्रामीण खुद बड़े-बड़े जहरीले सांप पकड़ते हैं और अपनी परंपरा को निभाने के लिए उन्हें मुंह में दबाकर ऐसे चलते हैं मानों उन्हें मौत का भय ही नहीं है।
जी हां बिहार (Bihar) के समस्तीपुर में सावन के पहले सोमवार पर लोग नदी में डुबकी लगाते हैं और एक नहीं सैकड़ों सांप पकड़कर नागपंचमी के दिन उसकी पूजा करते हैं। समस्तीपुर (Samastipur) के विभूतिपुर (Vibhutipur) में हर साल सावन के सोमवार को 25 लोगों ने बूढ़ी गंडक नदी में डुबकी लगाई और 300 से ज्यादा सांपों को पकड़ कर गले और हाथों में लपेटकर मां भगवती के मंदिर आ गए और विधिवत पूजा (Worship) करके इस प्राचीन परंपरा को निभाया। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्वज वर्ष 1868 से ही माता विषधर की पूजा करते आ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार पहले यह पूजा उन्हीं के घर पर होती थी, मगर वर्ष 1951 में सांपों की पूजा के लिए मंदिर बनाया गया जिसके बाद इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा। इस विशेष पूजा में नजदीकी गांव, पंचायत और जिलाभर के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
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