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शिमला। विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार (Health Minister Vipin Parmar) ने कहा कि प्रदेश में इस समय आयुर्वेद विभाग में 194 दैनिक वेतन भोगी हैं। 9 की सेवा 5 साल से कम है। ये तभी नियमित होंगे जब पद खाली होंगे। इस विषय को प्राथमिकता से लिया जा रहा है। ऐसी प्रस्तावना सरकार के विचाराधीन है। वित्त विभाग (Finance department) को भेजा गया है। इससे पहले ज्वालामुखी के बीजेपी विधायक रमेश धवाला का सवाल था कि आयुर्वेद विभाग में चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगियों को कब तक नियमित किया जाएगा, जबकि 184 पद खाली हैं।
इसके अलावा बीजेपी विधायक कमलेश ने पूछा कि क्या सरकार कम उम्र की विधवाओं और उनके पालन-पोषण के लिए कोई योजना बना रही है। इस पर सामाजिक न्यायमंत्री राजीव सहजल ने कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्ग के लिए संजीदा है। सरकार की बजट घोषणा (Budget announcement) में भी विस्तृत ब्यौरा दिया गया है और सरकार उन सभी वादों को अमल में ला रही है। सहजल ने कहा की ऐसी महिलाओं के लिए आईटीआई और नर्सिंग प्रशिक्षित कोर्सेस में आरक्षण दिया जा रहा है।
स्किल डिवेल्पमेंट और सेल्फ हेल्प कार्यक्रम के ज़रिए आसान शर्तों पर ऋण की सुविधाएं उप्लब्ध करवाई जा रही हैं। ऐसे परिवारों के लिए सहायता राशि 40 हज़ार से 51 हज़ार किया गया है। वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने सवाल किया कि सरकार ने अभी तक कितने कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया, जिस पर सीएम जयराम ने कहा कि इस संबंध में जानकरी जुटाई जा रही है।
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