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कुल्लू। विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के प्रवेश द्वार पर प्राइमरी स्कूल गुशैणी के नौनिहाल खौफ के साए में पढ़ने को मजबूर हैं। करीब एक साल पहले सड़क निर्माण के चलते यहां दो कमरों का भवन ढह (Building Collapsed) गया था। वहीं, सड़क निर्माण (Road Construction) के दौरान स्कूल प्रांगण में गिरे पत्थरों और मलबे को भी अभी तक नहीं उठाया गया है। लोगों को जनमंच (Janmanch) के दौरान भी नए भवन के निर्माण का भरोसा मिला था। हालांकि इन दिनों स्कूल में छुट्टियां हैं, लेकिन नया भवन बनता दिखाई नहीं दे रहा है, जिस कारण लोगों में गुस्सा है।
1924 में बने गुशैणी स्कूल में इस समय पहली से पांचवी कक्षा के 106 छात्र और नर्सरी के 15 नौनिहाल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले साल जुलाई में सड़क निर्माण के दौरान इस स्कूल का दो कमरों का भवन ढह जाने के कारण छात्रों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के प्रांगण में गिरे पत्थरों और मलबे के चलते और पत्थरों के गिरने का खतरा साथ ही छत से मरम्मत के इंतजार में लटकी उखड़ी हुई चादर नौनिहालों पर खतरे का प्रमाण दे रही है।
जनमंच में भवन निर्माण का दिया था भरोसा
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