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नई दिल्ली। मेघायल में पिछले 15 दिनों से कोयला खदान में मजदूर फंसे हुए है। जिसकी वजह से कोयला खदान से बदबू आ रही है। इससे खदान में फंसे मजदूरों की जिंदा होने की उम्मीद खत्म होती नजर आ रही है। मजदूरों को बचाने उतरे एनडीआरएफ के गोताखोरों का कहना है कि खान से बदबू आ रही है। समझा जा रहा है कि यह लाशों की बदबू है। रेस्क्यू ऑपरेशन की अगुआई कर रहे एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट संतोष सिंह ने बताया कि यह अच्छे संकेत नहीं है। हालांकि उन्होंने ज्यादा ब्योरा नहीं दिया लेकिन बचाव के काम में लगे एनडीआरएफ कर्मियों ने कहा कि खदान में दुर्गंध आ रही है। ऐसा लगता है कि मजदूरों की लाशें अब सड़ने लगी हैं।
खदान में जिस वक्त मजदूर घुसे थे उसी वक्त इसमें नजदीकी लितिन नदी का पानी घुस आया था। बचावकर्मी अब तक खदान में घुसे पानी को नहीं निकाल पाए हैं। पानी निकालने के लिए 25 हॉर्सपावर को दो पंप लगाए गए हैं, लेकिन वे नाकाफी साबित हो रहे हैं। एनडीआरएफ ने बचाव कार्य के लिए जिला प्रशासन से 100 हॉर्स पावर के पंप की मांग की थी। ये मांग राज्य सरकार के पास भेजा गया था। लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिलहाल एनडीआरएफ के 70 और एसडीआरएफ के 22 बचावकर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हैं। मेघालय के ईस्ट जयंतिया जिले के एक कोयला खदान में 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंसे हुए हैं।
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