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Gudiya Murder Case : शिमला। गुड़िया मर्डर केस को लेकर डीसी रोहन चंद ठाकुर व एसपी सौम्या सांबशिवन कोटखाई पहुंचे। देर आए पर दुरुस्त आए। जी हां,16 दिन बाद कोई प्रशासनिक अधिकारी गुड़िया के घर तो पहुंचा है। प्रशासनिक अधिकारियों का गुड़िया के घर जाकर उसके परिजनों से मिलना डैमेज कंट्रोल भी माना जा सकता है। बता दें कि 6 जुलाई को जंगल में गुड़िया का शव मिलने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था और मामले में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी। लेकिन अब प्रशासनिक अधिकारियों की यह पहल काफी हद तक स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कारगर सिद्ध होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज डीसी रोहन चंद ठाकुर व एसपी सौम्या सांबशिवन कोटखाई दौरे पहुंचे। वहां पर लोगों से बात की और यह जानने का प्रयास किया कि लोग मामले में क्या चाहते हैं। उन्होंने लोगों की बातों को सुना और उन पर अमल करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही दोनों अधिकारी गुड़िया के घर भी गए और वहां पर भोग में शामिल हुए।
इसके बाद दोनों अधिकारियों ने गुड़िया के परिजनों से बात की। परिजनों की बस यही मांग थी कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और सीबीआई जल्द मामले की जांच करे। दोनों अधिकारियों ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्ति की। साथ ही डीसी शिमला ने जिला रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से आर्थिक सहायता दी। वहींं, पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत के बाद गुस्साएं लोगों ने कोटखाई थाने को आग लगा दी थी। जिसे अब अस्थाई रूप से गुम्मा में शिफ्ट किया गया है। साथ ही दो अतिरिक्त पुलिस कर्मी थाने में तैनात किए गए हैं। उधर, पुलिस हिरासत में मारे गए आरोपी सूरज की पत्नी को सुरक्षा की दृष्टि से नारी निकेतन मशोबरा भेज दिया है।
अभी तक सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ अधिकारी राज्य पुलिस के अधिकारियों से मिले हैं, लेकिन अभी तक केस में एफआईआर नहीं हुई है, जबकि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार 2 दिनों में एसआईटी बनाने का समय पूरा हो चुका है, जोकि तकनीकी तौर पर FIR होने के बाद ही संभव है।
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