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शिमला। डीसी शिमला रोहन चंद ठाकुर ने जनता से अपील की है कि वह आंदोलन के दौरान सड़कों को बंद न करें। लोगों में जो भी रोष है, वह शांतिपूर्ण तरीके से करें। सड़क बंद करने या फिर तोड़ फोड़ करने से नुकसान होता है। लोगों को परेशानी होती है और स्कूली बच्चों को स्कूल जाने और आने में दिक्कत होती है। मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाने में दिक्कत होती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उग्र आंदोलन न करें। जो भी प्रदर्शन करना है वह शांतिपूर्वक तरीके से हो। डीसी रोहन ठाकुर ने कहा कि जिन्हें आंदोलन करना है, वह शांतिपूर्वक तरीके से करें और प्रशासन के दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं।
वे आएं और अपनी जो भी बात रखना चाहें, वे रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे शांतिपूर्वक अपनी बात रखें और प्रदर्शन भी शांतिपूर्वक करे। प्रदर्शन करना लोगों का संवैधानिक अधिकार है और प्रजातंत्र में सबका राइट है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सड़कों को जाम न करें और यातायात को बहाल रखें, क्योंकि इससे सफर कर रहे लोगों को भारी दिक्कत होती है और इनमें कई मरीज भी होते हैं और बच्चे और महिलाएं
होती हैं।
डीसी रोहन ठाकुर ने कहा कि कल एसपी सौम्या वे कोटखाई गए थे और गुड़िया के परिजनों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान परिजनों ने कहा कि वे इंसाफ चाहते हैं जो भी अपराधी है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि परिजन जल्द न्याय चाहते हैं। उनका कहना था कि पीड़िता के भाई ने अब उस स्कूल में पढ़ने से मना किया है और इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने सीएम वीरभद्र सिंह से साथ लगते दूसरे स्कूल को अपग्रेड करने का मामला उठाया है।
साथ ही उसकी पढ़ाई के लिए प्रशासन ने दो लाख रुपए की मदद दी है। डीसी रोहन ठाकुर ने कहा कि कोटखाई दौरे के दौरान वे वहां के लोगों से भी मिले। इस दौरान 24 पंचायतों की बनी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों से भी मुलाकात की। इन सभी ने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ-साथ उनकी मांग थी कि सीबीआई जल्द इस मामले के जांच करें और यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले। उन्होंने कहा कि स्कूल के मामले को सीएम से उठाया गया है और इसे लेकर सीएम से भी बात की है।
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