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आधी रात को हिमाचल का ये डीसी निकला बैरियर पर,सैंकड़ों को बैरंग वापस लौटाया
Last Updated on August 9, 2021 by saroj patrwal
ऊना। प्रदेशभर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर आज से शुरू हुए श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों ( Shravan Ashtami Navratri Fair)के चलते सरकार के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नाकेबंदी शुरू कर दी गई है। नवरात्र मेलों की शुरूआत से पूर्व आधी रात को डीसी ऊना राघव शर्मा अंतरराज्यीय बैरियर पर व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने के लिए पहुंचे। डीसी ने सबसे पहले मैहतपुर में एसडीएम डॉ. निधि पटेल के साथ दस्तावेज़ों की जांच का प्रबंध देखा। इसके बाद राघव शर्मा रात करीब 12 बजे गगरेट में आशापुरी बैरियर पर व्यवस्थाएं देखने पहुंच गए। इस दौरान एसएचओ गगरेट दर्शन सिंह उनके साथ रहे और उन्हें बैरियर पर किए गए इंतजाम के बारे में बताया। सरकार के ताजा तरीन आदेश के तहत किसी भी धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं को कोविड-19 की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट ( RT-PCR negative report)या वैक्सीनेशन के दोनों डोज़ के सर्टिफिकेट के बिना हिमाचल में प्रवेश नहीं मिलेगा। रविवार और सोमवार की मध्य रात्रि करीब 12 बजे से शुरू हुई नाकेबंदी के बाद पुलिस और प्रशासन की टीमों ने पहले ही दिन सैंकड़ों श्रद्धालुओं को बैरंग वापस लौटा दिया। अधिकतर श्रद्धालुओं को सरकार द्वारा जारी किए गए फरमानों की जानकारी ही नहीं थी।
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कई श्रद्धालु केवल मात्र एक डोज़ का सर्टिफिकेट लेकर हिमाचल की सीमा में प्रवेश करना चाह रहे थे। प्रदेश की सीमा पर बढ़ाई गई सख्ती के चलते किसी को भी आधे अधूरे दस्तावेजों के साथ प्रवेश नहीं मिल पाया। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि श्रावण नवरात्र मेलों में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को हर हालत में सरकार के फरमान का पालन करना होगा अन्यथा किसी को भी देवी देवताओं के दर्शन करना तो दूर हिमाचल में प्रवेश की अनुमति भी नहीं मिलेगी।
जाहिर है प्रदेशभर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर शुरू हुए श्रावण नवरात्रों में भाग लेने वाले लोगों के लिए नए फरमान के तहत प्रदेश की सीमाओं पर खाकी का पहरा बिठा दिया गया है। इसके साथ-साथ विभिन्न विभागों के कर्मचारी हिमाचल की सीमाओं पर मोर्चा संभाले हुए हैं। सरकार के निर्देशानुसार मेलों में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पूर्व की कोविड-19 आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य होगा। या फिर कोविड-19 वैक्सीनेशन की दोनों डोज़ लगाए जाने के सर्टिफिकेट से ही उन्हें प्रवेश मिल सकता है। सरकार द्वारा जारी आदेशों पर सख्ती से अमल किया जा रहा है और यही कारण है कि नवरात्र मेले के पहले ही दिन सोमवार को हिमाचल की सीमा से उन सैंकड़ों श्रद्धालुओं को बैरंग वापस लौटा दिया गया, जिनके पास कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों खुराकें लगने का सर्टिफिकेट नहीं था।
डीसी राघव शर्मा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के लिए धार्मिक स्थलों की ओर आ रहे श्रद्धालु नियमों का पालन करना सुनिश्चित करें। सरकार के आदेशों के अनुरूप कोविड-19 के तहत आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाना सुनिश्चित करें। जिनकी दोनों वैक्सीनेशन हो चुकी है, वे लोग उसका प्रमाण पत्र साथ लाएं। डीसी ऊना ने भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना दस्तावेजों के किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया जायेगा।