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चमोली आपदा : लगातार मिल रहे सुरंग में शव, ग्लेशियरों पर निगरानी के लिए बनेगा विभाग
Last Updated on February 16, 2021 by
चमोली। उत्तराखंड के चमोली (Chamoli Disaster) जिला में जल प्रलय के दसवें दिन बाद भी तपोवन जल विद्युत परियोजना (Hydroelectric Project) की सुरंग में मलबा हटाया जा रहा है। यह सुरंग निर्माणाधीन थी। तपोवन सुरंग (Tapovan Tunnel) से आज भी दो शव बरामद हुए हैं। इसके अलावा परियोजना में बैराज की ओर से मलबा जमा हुआ है। इसमें भी शवों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। उधर, उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज (Uttarakhand Irrigation Minister Satpal Maharaj) ने कहा कि अब ग्लेशियरों पर नजर रखने के लिए भी अलग से विभाग बनाया जाएगा।
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रात्रि में तपोवन में टनल से एक और शव को बाहर निकलते हुए SDRF व NDRF के रेस्क्यूर। pic.twitter.com/nbQ2LqYERF
— SDRF Uttarakhand Police (@uksdrf) February 16, 2021
राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए चमोली जिलाधिकारी स्वाती भदौरिया (District Magistrate Swati Bhadoria) भी मंगलवार को मौके पर पहुंची थी। इसके साथ ही जिलाअधिकारी स्वाती भदौरिया ने लापता लोगों के परिजनों से भी मुलाकात की। इसके अलावा आईजी एसडीआरएफ रिद्धीम अग्रवाल के मुताबिक अभी तक बरामद 58 शवों में से 31 की पहचान की जा चुकी है। सुरंग से भी बरामद हुए 11 शवों की पहचान की जा चुकी है। उधर, मंगलवार दोपहर करीब एक बजे तपोवन सुरंग के अंदर मलबा हटाने के दौरान अचानक पानी आना शुरू हो गया। ऐसे में एहतियात के तौर पर राहत एवं बचाव कार्य रोक दिया गया। सुरंग से पानी को बाहर निकालने के लिए पंप की सहायता ली जा रही है।
उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि हम इस बात से चिंतित हैं कि ग्लेशियर कैसे पिघल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्लूटोनियम पैक जिसे चीन की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए रखा गया था, वो प्लूटोनियम पैक अब वहां नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से पैक की जांच करने का अनुरोध करेंगे। इसके अलावा चमोली आपदा के बाद सीमांत गांव पैंग में अभी भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई है। बिजली आपूर्ति बहाली की काम चल रहा है। तपोवन से पैंग गांव तक करीब तीन किमी बिजली लाइन आपदा के कारण टूट गई थी। बताया जा रहा है कि जल प्रलय में 32 बिजली के पोल और तीन ट्रांसफार्मर बहे थे।