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श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) स्थित शोपियां जिले के अमशीपोरा इलाके में 18 जुलाई को हुए फर्जी एंकाउंटर (Fake Encounter) में मारे गए तीन नागरिकों का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया। बेगुनाह अपनों के शव के परिवारजनों को 70 दिन लंबा इंतजार करना पड़ा। पुलिस ने कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तीनों युवकों के शवों को घंटामुला बारामुला के कब्रिस्तान से निकाल परिजनों को सौंप दिया। तीनों युवकों के शव आज जब उनके गांव में पहुंचे तो पूरा माहौल गमगीन था। ग्रामीण जहां अपने गांव के बच्चों की इस तरह हुई मौत से दुखी थे, वहीं प्रशासन से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग भी कर रहे थे।
इस दौरान पुलिस की तरफ से कहा गया कि उन्हें शांतिपूर्वक खाके सुपुर्द किया जाए। कोई बवाल ना किया जाए। इसके लिए राजौरी जिला प्रशासन को भी हिदायत दी गई है। ताकि वहां पर माहौल खराब ना हो सके। इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मुहम्मद इबरार के परिवारों ने दावा किया था कि उनके बेटे शोपियां जिले में मजदूरों के रूप में काम करने आए थे और फर्जी मुठभेड़ में आतंकवादी बताकर मार दिए गए. वहीं, इस मामले पर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह की तरफ से मंगलवार को कहा गया था कि इस मामले में जांच सिरे तक पहुंच गई है। उसके बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनका हत्या में रोल बाहर आया था। बुधवार को आईजी कश्मीर की तरफ से कहा गया है कि अब तीनों मजदूरों के शवों को परिजन के हवाले कर दिया जाएगा। उसके बाद शव दिए गए हैं।
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