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नई दिल्ली। परिवार के सदस्य को खोने के गम में डूबे लोग तब हक्के-बक्के रह गए, जब उन्हें पता चला कि जिसका वह अंतिम संस्कार करने जा रहे हैं वह 50 साल की महिला नहीं बल्कि 40 साल के युवक का शव है और परिवार का दूर-दूर तक इससे कोई लेना-देना नहीं है। बहरहाल, मामला उत्तरप्रदेश के कासगंज का है। यहां एक परिवार उस वक्त हैरान रह गया, जब अंतिम संस्कार की तैयारी के वक्त बॉडी से चादर हटाई तो 50 साल की महिला की जगह किसी 40 साल के पुरुष की बॉडी मिली। इसके बाद परिवारवालों ने गुड़गांव के एक निजी अस्पताल से संपर्क किया तो पता चला कि लापरवाही से डेड बॉडी बदलकर दे दी गई है। और तो और एंबुलेंस ड्राइवर भी डेडबॉडी को उतारकर 100 किमी दूर तक वापस जा चुका था। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कासगंज के रहने वाली मंगो देवी (50) के सिर में 10 दिन पहले चोट लग गई थी। ईएसआई अस्पताल के सेक्टर-9 में पहले इलाज चल रहा था।
20 नवंबर को उन्हें गंभीर हालत में गुड़गांव के साउथ सिटी के पार्क अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई। मौत के वक्त उनके साथ 30 साल का बेटा ही साथ में था। अस्पताल एडमिनिस्ट्रेशन ने उसके बेटे को डेड बॉडी को ले जाने के लिए कह दिया। इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने लापरवाही करते हुए महिला की जगह पुरुष की डेड बॉडी एंबुलेंस में रख दी। सुबह 6 बजे तक शव को कासगंज में छोड़कर एंबुलेंस ड्राइवर वापस लौट आया।
जब घर वाले क्रिया कर्म की तैयारी में जुटे तो डेड बॉडी बदले जाने की जानकारी हुई। फिर अस्पताल ने दूसरी एंबुलेंस से महिला की डेड बॉडी को कासगंज के लिए रवाना किया। अस्पताल के स्पोकपर्सन का कहना है कि इस मामले में दोनों ओर से गलती हुई है। तीमारदार ने एक बार भी बॉडी को नहीं देखा और स्टाफ ने लापरवाही के कारण महिला की जगह पुरुष की डेड बॉडी रख दी।
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