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कांगड़ा। कहते हैं मौत जब आती है तो वह न कोई वक्त देखती है और न कोई हालात। कुछ ऐसा ही हुआ है नादौन के त्रिलोक के साथ। शनिवार सुबह घर से निकला तो सब ठीक था, लेकिन कांगड़ा के पास बीरता में अचानक उठे सीने के दर्द ने उसे हमेशा के लिए सुला दिया।
जानकारी के अनुसार त्रिलोक आज सुबह नादौन बस स्टैंड से धर्मशाला के लिए निजी बस लेकर चला था।
बस में सवारियां भी खचाखच भरी हुई थी। बताया जा रहा है कि रास्ता आसानी से कट भी गया और जब निजी बस चालक बीरता में सवारियां उतारने लगा तो उसे सीने में दर्द उठा, हालात बिगड़ते देख बस में बैठी सवारियां उसे तुरंत कांगड़ा के निजी अस्पताल ले गए, बताजा जा रहा है कि जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
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