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Cabinet: रोगी कल्याण समिति में अनुबंध पर कार्य कर रही स्टाफ नर्सो के लिए भी खुशखबरी
Last Updated on July 30, 2020 by Vishal Rana
शिमला। कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रोगी कल्याण समिति में अनुबंध पर कार्य रही तथा रोस्टर प्वाइंट से शेष रह गई 18 स्टाफ नर्सो (Staff nurses) को नियुक्ति देने की स्वीकृति प्रदान की, जिसके लिए भर्ती का मामला निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भेजा गया है, जिन्हें पूर्वेक्षण (प्रोस्पेक्टिव) तिथि से माना जाएगा। कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ी कंदरौडी में विज्ञान कक्षाएं (नॉन मेडिकल) और ज्वालामुखी विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मर में वाणिज्य कक्षाएं तथा इन विषयों में प्रवक्ताओं के 6 पदों के सृजन के साथ भरने का निर्णय लिया। बागवानी और वानिकी विकास और विस्तार संस्थान थुनाग का नाम वानिकी और बागवानी महाविद्यालय थुनाग करने और महाविद्यालय प्रबंधन के लिए आवश्यक पदों को सृजित करने को भी अपनी सहमति दी। जिला सिरमौर (Sirmaur) के नारग में जल शक्ति विभाग का उपमंडल खोलने, इसके अलावा इस उपमंडल के अंतर्गत नारग और दिलमन में नए अनुभाग बनाने का निर्णय भी लिया।
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जीएसटी काउंसिल (GST Council) की सिफारिश पर, केंद्र सरकार ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की कुछ धाराओं में संशोधन किए हैं, लेकिन कोविड-19 (Covid-19) महामारी के कारण हिमाचल प्रदेश जीएसटी अधिनियम के तहत संबंधित संशोधन जारी नहीं किए जा सके। अब राज्य मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत किए जाने वाले आवश्यक संशोधन को अध्यादेश के माध्यम से करने की मंजूरी प्रदान की। हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के धारा- 31 के उप-धारा (2) के नियम को प्रतिस्थापन करने के लिए अध्यादेश के खंड-7 को स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को सेवाओं आपूर्ति की सेवाओं के वर्गीकरण को अधिसूचित करने के लिए सक्षम बनाया जा सके ताकि टैक्स इन्वाइस जारी करने के लिए आवश्यक नियम बनाए जा सके। हिमाचल प्रदेश वस्तु और सेवा कर अधिनियम की धारा 51 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के खंड 8 को अपनी मंजूरी दी, ताकि सरकार स्रोत पर कर कटौती हेतू प्रारूप तथा प्रणाली के निर्धारण हेतु नियम बना सके। मंत्रिमंडल (Cabinet) ने उक्त अधिनियम की धारा 122 ए के अंतर्गत उप धारा (1ए) को शामिल करने के लिए अध्यादेश के खंड 9 को मंजूरी प्रदान की, ताकि कुछ लेनदेन के लाभार्थियों जिनके द्वारा इस प्रकार का लेनदेन किया जाता है को जुर्माना लगाया जा सके।
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कैबिनेट ने उक्त अधिनियम की धारा 132 में संशोधन हेतु अध्यादेश के खंड 10 को स्वीकृति प्रदान की, ताकि इन्वाइस के बिना धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रैडिट हासिल करने के अपराध को उक्त अधिनियम की धारा 69 की उप-धारा 1 के अन्तर्गत संज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित किया जा सके तथा ऐसे व्यक्ति जिसको विशेष लेनदेन का लाभ होता है तथा जिसके कहने पर ऐसा लेनदेन किया जाता है को दंड के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सके। इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए स्थानान्तरीय (ट्रांजिशनल) व्यवस्था से संबंधित अधिनियम की धारा 140 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के खंड 11 को अपनी स्वीकृति दी, ताकि वर्तमान नियमों के अंतर्गत कुछ अनअवेल्ड क्रेडिट्स के मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए समय सीमा और तरीके का निर्धारण किया जा सके।
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यह संशोधन 1 जुलाई, 2017 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होगा। बैठक में उक्त अधिनियम में नई धारा 168 ए को शामिल करने के लिए अध्यादेश की खंड-12 को भी स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को इस तरह की अधिसूचना को पूर्वव्यापी रूप से जारी करने के लिए सशक्त किया जा सके। जो कोविड-19 महामारी के कारण सार्वजनिक हित में तत्काल जारी नहीं किया जा सका। उक्त अधिनियम के धारा 172 को संशोधित करने के लिए अध्यादेश के खंड-13 को स्वीकृति प्रदान की, ताकि इसके तहत कठिनाइयों को दूर करने के लिए समय सीमा को बढ़ाकर तीन वर्ष से पांच वर्ष किया जा सके, जो अधिनियम के प्रारंभ से प्रभावी होगा।
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