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#Vijayadashami पर रक्षा मंत्री ने किया शस्त्र पूजन, बोले – एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं करने देगी सेना
Last Updated on October 25, 2020 by
नई दिल्ली। पूरे देश में आज विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है हालांकि कोरोना संकट के चलते हर बार की तरह लोग त्योहार नहीं मना पा रहे लेकिन त्योहार की खुशी कम नहीं। विजयादशमी के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के सुकना युद्ध स्मारक में शस्त्र पूजा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर शांति होनी चाहिए और तनाव खत्म होना चाहिए, लेकिन मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि हमारी सेना किसी को भी देश की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं करने देगी।
विजयादशमी पर्व पर आयोजित शस्त्रपूजन समारोह में भाग ले रहा हूँ। हमसे जुड़िए https://t.co/sNQyKUm9f0
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 25, 2020
बता दें कि विजयादशमी (Vijayadashami) के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दार्जिलिंग और सिक्किम के दौरे पर हैं। दार्जिलिंग के सुकमा वार मेमोरियल में उन्होंने शस्त्र पूजा की। इस दौरान थलसेना अध्यक्ष एमएम नरवणे भी मौजूद थे। विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा है। मंत्रोच्चारण के बीच शस्त्र पूजा के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समय भारत और चीन पर तनाव चल रहा है। भारत (India) चाहता है कि तनाव समाप्त हो, शांति स्थापित हो, हमारा उद्देश्य यही है, लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसी नापाक हरकतें होती रहती हैं, लेकिन मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि हमारे सेना के जवान किसी भी सूरत में भारत की एक इंच जमीन किसी दूसरे के हाथों में नहीं जाने देंगे।
भारतीय सेना के जवानों से भेंट करके मुझे हमेशा बेहद ख़ुशी होती है। उनका मनोबल बहुत ऊँचा रहा है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
भारत चाहता है कि तनाव ख़त्म हो और शांति स्थापित हो। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि हमारी सेना भारत की एक इंच ज़मीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी। pic.twitter.com/jS3GHa4fni
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 25, 2020
गलवान में चीन के विश्वासघात का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल-फिलहाल में भारत चीन के बॉर्डर पर जो हुआ है उसके बारे में निश्चित जानकारी के आधार पर मैं कह सकता हूं कि हमारे देश के जवानों ने जिस प्रकार की भूमिका का निर्वाह किया है आगे जब इतिहास लिखा जाएगा तो उनके शौर्य और बहादुरी की चर्चा स्वर्णाक्षरों में की जाएगी।