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हिमाचल में देवी-देवताओं का “छिद्रा”
Last Updated on November 1, 2020 by Deepak
कुल्लू। विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में ना बुलाने पर देवी-देवता सरकार, प्रशासन व दशहरा उत्सव समिति से नाराज हैं। देवभूमि में अनर्थ ना हो इसके लिए उत्सव के समापन होने के बाद तीन देवताओं के कारकूनों ने भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में छिद्रा (पाश्चाताप) किया। कारकूनों ने देव कार्रवाई के माध्यम से यह छिद्रा किया। भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में पहुंचे देवता धूंबल नाग हलाण-दो, देवता श्री नारायण मेहा, देवता वीरनाथ फोजल के कारकूनों ने इस देव कार्रवाई को अंजाम दिया। तीनों देवता उत्सव के बाद वापिस अपने देवालय तब तक ना जाने पर अड़े थे जब तक देव कार्रवाई से छिद्रा ना किया जाए। रविवार को सुबह देवता भगवान पहले सुलतानपुर स्थित भगवान रघुनाथ के मंदिर पहुंचे और यहां से भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह को लेकर ढालुपर पहुंचे और यहां रघुनाथ के अस्थाई शिविर में देव कार्रवाई करने के आदेश दिए। जहां नाग धूंबल, देवता वीरनाथ फोजल और हरी नारायण मेहा के देव कारकूनों व मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, कारदार दानवेंद सिंह व रघुनाथ के पुजारी ने डोरी पकड़कर छिद्रा किया।