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शिक्षा मंत्री से बोला शिक्षक महासंघ: भाषा अध्यापकों व शास्त्री को दिया जाए TGT का दर्जा
Last Updated on September 19, 2020 by Vishal Rana
शिमला। भाषा अध्यापकों व शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी (TGT) का दर्जा दिए जाने और अपनी अन्य मांगों को लेकर शनिवार को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (Himachal Pradesh Teachers Federation) की राज्य कार्यकारिणी का एक शिष्टमंडल शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर से मिला। महासंघ की तरफ से शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। जिसमें शिक्षकों की मांगो (Demands) के संबंध में 24 सूत्रीय मांगपत्र शिक्षा मंत्री (Minister of Education) को सौंपा गया। वहीं, महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने उनकी सभी मांगो को ध्यानपूर्वक सुना और मांगों को क्रमवार पूरा करने का आश्वासन दिया है। शिक्षा मंत्री से मिलने आए शिष्टमंडल में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा, हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांतध्यक्ष पवन कुमार, अतिरिक्त महामंत्री सुधीर गौतम, संगठन मंत्री भीष्म शर्मा, डॉ माम राज पुंडीर, महिला विंग की उपाध्यक्षा अनिता वर्मा शामिल रहे।
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शिष्टमंडल के महासंघ ने रखीं यह मांगे
महासंघ द्वारा सौंपे गए मांग पत्र में भाषा अध्यापकों व शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिए जाने, शिक्षा हित में जगह जगह स्कूल खोलने के बजाय वर्तमान में चल रहे स्कूलों की स्थिति बेहतर बनाने, गांव गांव स्कूल खोलने की जगह पंचायत स्तर पर आदर्श स्कूल खोलने, 1 जनवरी 2004 से पहले की पेंशन योजना हर हाल में बहाल करने, पदोन्नति के लिए दो वर्ष की शर्त हटाने, प्रधानाचार्य पद पर नियमित पदोन्नति करने, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु पहले की तरह 60 साल करने, कंप्यूटर टीचर्स को शिक्षा विभाग में शामिल करने के लिए ठोस नीति बनाने, प्राथमिक स्तर पर आसीटी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने, प्रवक्ता स्कूल न्यू के बजाय प्रवक्ता पदनाम बहाल करने, प्रवक्ता स्कूल न्यू के लिए 10+1 और 10+2 कक्षाओं के अलावा अन्य कक्षाओं को पढ़ाने की शर्त तत्काल समाप्त करने, वोकेशनल ट्रेनर को ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश के दौरान वेतन प्रदान करने, शिक्षकों को गैरशिक्षण कार्यों से मुक्त करने शिक्षकों के अनुभव का लाभ लेने के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल करने, स्कूलों में रिक्त पदों को भरने के साथ प्रधानाचार्य व मुख्यध्याकों के लिए मोटीवेशनल वर्कशाप आयोजित करने, सेवा लाभ व पदोन्नति के लिए अस्थाई सेवाकाल शामिल करने की प्रमुखता से रखी गई। इस संबंध में पवन मिश्रा ने बताया कि सभी मांगो को लेकर शिक्षा मंत्री से विस्तार से चर्चा की गई। शिक्षामंत्री ने सभी मांगो को लेकर महासंघ को क्रमवार पूरा करने का आश्वासन दिया है।