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बिलासपुर। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (Adarsh Credit Co-operative Society) में फंसे करोड़ों रुपए वापस दिलाने के लिए बिलासपुर (Bilaspur) जिला के निवेशक एकजुट हो गए हैं। पैसा वापस दिलाने की मांग को लेकर निवेशकों का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश एससी (SC) वेल्फेयर बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य दिनेश कुमार की अगुवाई में डीसी कार्यालय पहुंचा। तहसीलदार सदर के माध्यम से राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण, केंद्रीय को-ऑर्पोरेट एवं वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) व सीएम जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी 21 वर्ष से पूरे देश में कार्यरत है। देशभर में सोसायटी की 809 ब्रांच में लगभग 21 लाख निवेशक एवं 4 लाख एडवाइजर के साथ 5 हजार कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे थे। हिमाचल प्रदेश में भी इस सोसाइटी की तकरीबन 20 ब्रांच काम कर रही थीं तथा जिला बिलासपुर की ब्रांच में करीब 10 हजार लोगों का करोड़ों रुपए का निवेश एडवाइजरों के माध्यम से करवा रखा है। सोसायटी दिसंबर 2018 तक सुचारू रूप से कार्य कर रही थी और पिछले 20 वर्ष से ऐसा कभी नहीं हुआ कि संस्था द्वारा पूर्ण अवधि दावों का भुगतान समय पर ना किया गया हो, लेकिन करीब 2 वर्ष पहले केंद्र और राज्य सरकारों ने इस सोयाइटी की कार्यशैली पर कुछ आपत्तियां उठाते हुए इसके कामकाज पर रोक लगा दी है। सरकारों द्वारा कामकाजों पर रोक से निवेशकों का करोड़ों रुपए फंस गए।
सोसायटी में अधिकतम गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों की राशि का निवेश है व इस समय सभी बहुत परेशानियों से गुजर रहे हैं। बहुत से लोगों ने अपने जीवनकाल की बची जमापूंजी का पैसा इसी सोसायटी में लगा दिया था, जिससे उन्हें प्रति महीना पेंशन भी मिलती थी, लेकिन इस समय निवेश की राशि का भुगतान ना होने के कारण कुछ निवेशक अपना जीवनकाल समाप्त करने का प्रयास भी कर चुके हैं। नवीन बोर्ड की नियुक्ति कर निवेशकों का भुगतान करवाने की मांग की है। साथ ही आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के एडवाइजर व कर्मचारियों ने संस्था को पूर्ण रूप से चालू कर निवेशकों की राशि का जल्द से जल्द भुगतान करवाने की मांग की है। इसके अतिरिक्त आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के एडवाइजर व कर्मचारियों ने संस्था पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को समाप्त कर संस्था को पूर्व की भांति सेवा और संचालन की अनुमति प्रदान करने की भी मांग रखी।
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