-
Advertisement
अदालतों पर भार कम करने को विभागीय मुकदमा निगरानी समिति सुचारू करने के आदेश
Last Updated on July 28, 2021 by Vishal Rana
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (High Court)ने अदालतों पर अवांछित भार कम करने को लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाई विभागीय मुकदमा निगरानी समिति को सुचारू करने के आदेश जारी किए है। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए है कि ऐसे सभी प्रकार के मामले संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा विभागीय मुकदमा निगरानी समिति के समक्ष रखे जाए जिनका निपटारा कानूनन सम्भव हो सकता है और ऐसा करने में विफल रहने वाले अधिकारी/कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। साथ ही, निगरानी समिति के मुकदमों और कामकाज की आवधिक लेखा जांच होनी चाहिए और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी परिणामी कार्रवाई होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट: हिमाचल सरकार प्रदेशभर से संबंधित अतिक्रमणों से जुड़े मामलों के आंकड़े कराए मुहैया
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने एक याचिका का निपटारा करते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को निर्देशानुसार नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के आदेश जारी किए है। उन्हें 31.8.2021 को या उससे पहले इस संबंध में अनुपालना हलफनामा दाखिल करने के आदेश जारी किए गए है। इस मामले को 7.9.2021 को केवल इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव (गृह) ने 7.3.2011को हिमाचल प्रदेश राज्य मुकदमा नीति’ को अनुमोदित किया था। और इसे न केवल, हिमाचल प्रदेश सरकार के सभी प्रधान सचिवों/सचिवों और हिमाचल प्रदेश के सभी विभागाध्यक्षों को, लेकिन गृह विभाग की वेबसाइट के लिंक से अभियोजन विभाग की वेबसाइट www.himachal.nic.in/hom पर भी अपलोड किया गया है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल हाईकोर्ट ने किए 97 जजों के तबादले, यहां देखें पूरी लिस्ट
सभी को यह भी सूचित किया गया था कि यह नीति राज्य सरकार या उसकी एजेंसियों द्वारा मुकदमेबाजी पर परिहार्य लागत से बचाने के लिए मुकदमेबाजी को कम करने के लिए मुकदमेबाजी रणनीतियों के व्यापक दिशानिर्देशों की रूपरेखा तैयार की है ताकि सरकार के संबंध में न्यायपालिका पर अपरिहार्य भार को कम किया जा सके। प्रेरित मुकदमेबाजी नीति के अनुसार, दावों और मुकदमों को संभालने में ईमानदारी और निष्पक्षता से कार्य करने के लिए राज्य और उसकी एजेंसियों पर अनिवार्य दायित्व निर्धारित किया है, जिसमें दावों से तुरंत निपटना और दावों के संचालन में अनावश्यक देरी नहीं करना, दावों के आंशिक निपटान या अंतरिम भुगतान सहित, मुकदमेबाजी के बिना वैध दावों का भुगतान करना शामिल है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group