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शिमला। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर बीजेपी द्वारा लाई गई चार्जशीट को लेकर विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। नेगी ने इस चार्जशीट को लेकर 10 बीजेपी नेताओं के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने किन्नौर जिले के रिकांगपिओ स्थित सीजेएम अदालत में आईपीसी की धारा 499 औ 500 के तहत मामला दर्ज करवाया है। इसमें उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपी चार्जशीट में जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार हैं और झूठे और राजनीतिक द्वेष की भावना से लगाए हैं। जगत सिंह नेगी ने अदालत में कल क्रिमिनल डेफेमेशन के मामले की आज कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च तय की है।
गौर हो कि 25 दिसंबर को बीजेपी ने राज्यपाल को प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक चार्जशीट सौंपी थी। इसमें उन्होंने सीएम समेत कई नेताओं के खिलाफ आरोप लगाए हैं। विधानसभा अध्यक्ष जगत सिंह नेगी के खिलाफ भी उन्होंने सतलुज नदी में किए जा रहे अवैध खनन को लेकर आरोप लगाया था। आरोप पत्र में जगत सिंह नेगी के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उनकी (जगत सिंह नेगी) की शह पर यह खनन हो रहा है। इसे लेकर चार वर्षों में कोई कार्रवाई दोषियों पर नहीं हो रही है। इस पर जगत सिंह नेगी ने चार्जशीट पर हस्ताक्षर करने वाले दस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज, सदस्य जयराम ठाकुर, महेंद्र सिंह, रणधीर शर्मा, रविंद्र रवि, डॉ. राजीव बिंदल, विपन परमार के साथ-साथ पूर्व विधायक तेजवंत नेगी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। जगत नेगी ने अदालत से कहा कि बीजेपी की चार्जशीट में पेज नंबर 32 और 40 में उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे तथ्यों के विपरीत हैं और सरासर राजनीति से प्रेरित हैं।
उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसे देखते हुए विपक्षी बीजेपी इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है और इसलिए बीजेपी ने राजनीतिक द्वेष की भावना से यह आरोप लगाया है। कोर्ट ने जगत सिंह नेगी की याचिका पर आज सुनवाई की और मामले की अगली तारीख 20 मार्च तय की।
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