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धर्मशाला। धर्मशाला नगर निगम के तहत शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और अंडरग्राउंड डस्टबिन प्रोजेक्ट पर 14 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद शहर में गंदगी की भरमार है। शहर में कूड़े(Garbage) के बड़े-बड़े ढेरों से आज तक निजात नहीं मिल सकी है। इतना ही नहीं शहर में जगह-जगह लगाए गए अंडरग्राउंड डस्टबिन(Dustbin) चोरी तक होने लगे हैं। हैरानी की बात है कि प्रसाशन को इसकी सूचना तक नहीं है। ढुलमुल कार्यप्रणाली की बात करें तो नगर निगम(Municipal Corporation) प्रशासन ने जून 2017 के बाद से अंडरग्राउंड डस्टबिन खाली करने का कॉन्ट्रैक्ट तक हस्तांतरित नहीं किया है। इसे अंडरग्राउंड डस्टबिन प्रोजेक्ट का काम करने वाली जर्मनी(Germany) की बॉएर कंपनी को हस्तांतरित किया जाना था। बॉएर कंपनी के प्रबंधक अभिशेष मिश्रा के मुताबिक धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में 103 लोकेशन में कंपनी ने अंडर ग्राउंड डस्टबिन लगाए हैं, लेकिन इन्हें खाली करने का कॉन्ट्रैक्ट(Contract) जून 2017 से नगर निगम प्रशासन ने नहीं किया है। फिलहाल कंपनी अपने खर्चे पर ही इन्हें खाली करती आ रही है।
अधिकारियों ने की जर्मनी की सैर, मगर काम नहीं किया
जर्मनी की बॉएर कंपनी ने धर्मशाला नगर निगम में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले नगर निगम अधिकारियों को अपने खर्च पर जर्मनी की सैर भी करवाई थी। बावजूद इसके न तो अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान दिया और न ही दूसरी औपचारिकता पूरी की गई। अंडरग्राउंड डस्टबिन के निरंतर खाली न होने के कारण सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे दिखाई देते हैं। वहीं घरों से उठाए जाने वाले कूड़े को डंपिंग साइट तक पहुंचाने की जगह प्लाटों और खाली जगह पर फेंक कर आग लगा दी जाती है।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत अभी तक धर्मशाला(Dharamshala) नगर निगम में डंपिंग साइट के लिए भूमि तक का चयन ही नहीं हो पाया है। वर्तमान में हिमाचल पथ परिवहन निगम की वर्कशॉप के करीब घरोह-चड़ी रोड पर बनी कूड़ा डंपिंग साइट में चारों ओर कचरा बिखरा पड़ा है। नगर निगम के 17 वार्डो की गंदगी यहीं उड़ेली जा रही है। स्मार्ट सिटी धर्मशाला में नियम धुआं-धुआं हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के दावे भी हवा हो रहे हैं। धर्मशाला में पिछले 15 दिनों से नगर निगम की डंपिंग साइट में कूड़े कचरे के ढेर में भयानक आग भड़की हुई है, जिससे स्मार्ट सिटी धर्मशाला की हवाओं में कार्बन मोनोआक्साइड का जहरीला धुंआ घुल रहा है। इससे स्थानीय लोगों के साथ साथ देश-विदेश से ठंडी और शुद्ध हवा की चाह में धर्मशाला पहुंच रहे पर्यटकों(Tourists) को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।
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