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मंडी। देव आदि ब्रह्मा मंडी शहर को सुरक्षा कवच दे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (International Shivratri Festival) के समापन से पहले देव आदि ब्रह्मा ने पूरे शहर की परिक्रमा की और शहर को सुरक्षा कवच प्रदान किया। देव आदि ब्रह्मा का मूल स्थान मंडी जिला के इलाका उत्तरशाल के टिहरी गांव में है। सर्व देवता समिति एवं कारदार संघ के प्रधान शिवपाल शर्मा बताते हैं कि वर्षों पूर्व जब राजाओं के राज थे तो उस वक्त मंडी शहर पर बुरी आत्माओं का प्रभाव बढ़ने लगा और लोगों को कई प्रकार की बीमारियां घेरने लगी।
ऐसे में राजा ने अपनी रियासत के सभी देवी-देवताओं से इसका उपाय करने की गुहार लगाई। अधिकतर ने इनकार कर दिया लेकिन देव आदि ब्रह्मा ने इस कार्य को करने की हामी भरी। देव आदि ब्रह्मा ने उस वक्त पूरे मंडी शहर की परिक्रमा की और शहर को बूरी शक्तियों तथा बीमारियों से मुक्ति दिलाई। तब से लेकर आज तक यह परंपरा इसी प्रकार से निभाई जाती है। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन से पहले देव आदि ब्रह्मा के रथ को पूरे शहर में घुमाया जाता है। जब देवता का रथ परिक्रमा के लिए निकलता है तो अभिमंत्रित किया हुआ आटा हवा में फैंका जाता है। मान्यता है कि इससे बुरी शक्तियों का नाश होता है। वहीं देवता के गुर (पुजारी) ने तलवारों के साथ भी बूरी शक्तियों को भगाने का प्रयास किया।
वहीं शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन चौहाटा बाजार में जात्र (देव समागम) का आयोजन किया गया। सुबह ही सभी देवी-देवताओं के रथों को चौहाटा बाजार में रखा गया जहां लाखों की संख्या में आए लोगों ने इनके दर्शन करके आशीवार्द प्राप्त किया। दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेकर विशेष प्रकार की अनुभूति का अहसास हुआ है और उन्होंने सभी के लिए मंगलकामना की है।
चौहाटा बाजार की जातर के बाद सभी देवी-देवता अपने मूल स्थानों के लिए रवाना हो गए। अब यह सभी देवी-देवता एक वर्ष बाद अगले शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने मंडी आएंगे और मंडी शहर की फिजाएं एक बार फिर देवी-देवताओं के आशीवार्द से लबरेज होंगी।
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