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देव परंपराओं को संजोए रखने के लिए देव गूर खेल, देखें तस्वीरों में
Last Updated on February 27, 2020 by Deepak
मंडी। देव परंपराओं (Dev Traditions) को संजोय रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (International Shivaratri Festival) के दौरान सेरी मंच पर चौहार घाटी के नौ देवी-देवताओं के गुरों की देव खेल (Dev Khel) का आयोजन किया गया। जिसमें देव घड़ौनी नारायण, देव हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव तरैलू गहरी, देव दरूण गहरी, देव गहरी बथेरी, देव गल्लू का गहरी, देव पेखरा गहरी और देवी भद्रकाली शामिल हुए। सर्व देवता समाज समिति मंडी के उपाध्यक्ष मोहनलाल ठाकुर ने बताया कि यह देव खेल परम्परा 40 वर्ष पूर्व किन्ही कारणवश बंद हो गई थी।
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सर्व देवता समिति द्वारा शिवरात्रि महोत्सव के दौरान इस देव खेल परंपरा को पुनः शुरू करने की जोरदार मांग उठाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन व देव समाज समिति के प्रयासों से पिछले साल से इस देव खेल परंपरा को दोबारा शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि रियासत काल के दौरान राजाओं द्वारा देवी-देवताओं को राजमहल में आमंत्रित कर उनकी शक्तियों का परीक्षण किया जाता था और उसके उपरांत जो देवी-देवता परीक्षण में पास होते थे, उन्हें ही राज दरबार में आमंत्रित कर देव खेल परंपरा में शामिल किया जाता था।
उन्होंने कहा कि देव खेल प्रदर्शन पूर्ण होने के उपरांत सभी नौ देवी देवता गुरों सहित राज देवता श्री माधव राय मंदिर में आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। सेरी मंच पर आयोजित देव खेल परंपरा को देखने के लिए जिला भर से सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे और देव खेल प्रदर्शन का आनंद उठाया।