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कोविड-19 के बीच “कार्तिक पूर्णिमा” का महत्व
Last Updated on November 30, 2020 by Sintu Kumar
बिलासपुर। कार्तिक पूर्णिमा इस माह का आखिरी पर्व होता है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का बहुत अधिक महत्त्व माना गया है। आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का भी प्रावधान है। कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन को देव दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित प्राचीन मशहूर लक्ष्मी नारायण मंदिर में दर्शन करने के लिए लोग पहुंचते हैं। शहर में बस अड्डे के समीप स्थित यह एक प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिर है। यहां पर एक तरफ शिवलिंग की स्थापना की गई है और दूसरी तरफ मां दुर्गा की मूर्ति भी स्थापित है। यह मंदिर बिलासपुर जनपद के लोगों और बाहर प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है । काफी संख्या में श्रद्धालु यहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन दर्शनों के लिए पहुंचते हैं और लक्ष्मी नारायण भगवान के साथ लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना करते हैं। हालांकि, इस बार कोविड-19 महामारी के चलते इस मंदिर में भी श्रद्धालुओं की कमी दर्ज की गई है। प्राचीन मंदिर में आज सुबह से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सभी को प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलान्स का पालन करवाया जा रहा है।