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देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) निद्रा में चले जाते हैं और फिर चार महीने बाद देवप्रबोधनी एकादशी के दिन उठते हैं। पुराणों के अनुसार इन चार महीनों के दौरान भगवान विष्णु पाताल लोक के राजा बलि के पास रहते हैं इसलिए कहा जाता है कि श्री हरि निद्रा में हैं। भगवान विष्णु को समर्पित देवशयनी एकादशी 12 जुलाई दिन शुक्रवार को है। इस दिन 3 दुर्लभ शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में भगवान विष्णु की आराधना सवोत्तम फल देने वाली है।
सर्वार्थ सिद्धि शुभ योगः देवशयनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि शुभ योग दोपहर 03:57 बजे से शुरु हो रहा है, जो अगले दिन तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में व्यक्ति कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य शुभ फलदायी होगा। इस योग में श्रीहरि विष्णु की पूजा भी उत्तम फल देने वाली होती है।
शुक्रवार का दिनः सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा एक और संयोग है कि देवशयनी एकादशी शुक्रवार के दिन पड़ रही है। यह दिन भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी को समर्पित है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होगा और मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
रवि योगः सर्वार्थ सिद्धि और शुक्रवार के योग के अलावा इस दिन रवि योग भी है। सूर्य के आशीर्वाद के कारण इस दिन कोई भी मांगलिक, धार्मिक या नवीन कार्य करना शुभ फलदायी होता है। रवि योग में अशुभ योग के के सभी दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं।
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