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हिमाचल में Murder हुए कम, Rape के मामलों में हो गई बढ़ोतरी
Last Updated on January 2, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। पुलिस कर्मियों की कमी से जूझ रहे हिमाचल (Himachal) जैसे पहाड़ी प्रदेश के लिए सुकून देने वाली खबर ये है कि यहां मर्डर (Murder) के मामलों में कमी आई है, जबकि चिंता का विषय ये है कि रेप (Rape) के मामलों में बढ़ोतरी हो गई है। इसी तरह इस प्रदेश में महिलाओं से अत्याचार भी बढ़ गया है। ये खुलासा डीजीपी एसआर मरड़ी (DGP SR Mardi) ने पत्रकारों से बातचीत में किया है। मरड़ी ने वर्ष 2019 के तुलनात्मक आंकड़े पेश करते हुए बताया कि प्रदेश में 19 हज़ार 924 मामले दर्ज हुए। इनमें आईपीसी के मामले कम दर्ज हुए हैं। प्रदेश में वर्ष 2018 के मुकाबले प्रदेश में 10 मर्डर कम हुए जोकि कुल 69 दर्ज हुए हैं।
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उन्होंने ये भी बताया कि पिछले 10 साल में सबसे कम मर्डर हुए हैं। जबकि रेप के 358 मामले दर्ज हुए जो कि 13 बढ़े हैं। इसी तरह हत्या के प्रयास के 57 से घटकर 54 हुए, बच्चों के शोषण के 476 से घटकर 457 रह गए पर महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले बढ़कर 229 पहुंच गए हैं। उधर, दंगा भड़काने के कम होकर 424, एनडीपीसी के मामले 1342 से बढ़कर 1439 पहुंच गए हैं। एससी-एसटी के मामले बढ़कर 163 हो गए जबकि सड़क दुर्घटना (Road accident) के मामले 211 कम होकर 2897 रह गए।
उन्होंने बताया कि पुलिस के जागरुकता अभियान (Awareness campaign) से सड़क हादसों में कमी आई है। मरड़ी ने बताया कि नशे को जड़ से उखाड़ना पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है। 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने ड्रग फ्री ऐप को डाउनलोड किया है, फिर भी एनडीपीएस में भी ज्यादा मामले पकड़े गए। चिट्टा सबसे बड़ी समस्या है इस पर भी पुलिस सख्ती से काम कर रही है। साइबर क्राइम लगातार बढ रहा है इससे निबटने के लिए पुलिस हाईटेक हो रही है। घर बैठे ही एफआईआर दर्ज़ करवाने की सुविधा को ओर अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 16 हज़ार पुलिस कर्मी है जबकि 24 हज़ार की ज़रूरत है।