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धर्मशाला। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज को जाने वाला मुख्य मार्ग भूस्खलन (Landslide) से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस सड़क पर हर साल भूस्खलन होना आम बात हो चली है। भारी बरसात के चलते धर्मशाला के कोतवाली बाजार के पास काली माता मंदिर की पहाड़ी दरक रही है और निचली तरफ भूस्खलन हो रहा है। भूस्खलन से सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त (Road Damaged) होने से सड़क की कुल चौड़ाई घटकर 9 फीट रह गई है। धर्मशाला- मैक्लोडगंज सड़क ऊपरी और निचले धर्मशाला को जोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण सड़क है। इसे एक्टिव स्लाइडिंग ज़ोन के रूप में भी जाना जाता है। 10 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग पर पिछले कई सालों से हो रहे भूस्खलन के बावजूद आज दिन तक इस ओर किसी भी विभाग ने कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं।
इस सड़क पर बारिश के पानी की उचित निकासी व नालियों के ना होने के कारण पहाड़ी दरक रही है जिससे निरंतर भूस्खलन हो रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह सड़क महत्वपूर्ण है। क्योंकि, मैक्लोडगंज (Mcleodganj) दलाई लामा (Dalai Lama) का अस्थाई निवास स्थान होने के साथ-साथ इस मार्ग पर सेना की छावनी भी स्थित है। धर्मशाला-मैक्लोडगंज मार्ग पर औसतन प्रतिदिन 1200 वाहन चलते हैं। पीक टूरिस्ट सीज़न में वाहनों की संख्या प्रतिदिन 5,000 तक बढ़ जाती है, लेकिन इसके बावजूद इस सड़क पर हो रहे भूस्खलन को रोकने का प्रयास नहीं किया गया है। पीडब्ल्यूडी (PWD) हर साल इस सड़क के रख-रखाव पर लाखों रुपए का बजट खर्च करती है। बावजूद इसके भूस्खलन को रोकने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए।
पीडब्ल्यूडी भूस्खलन एरिया पर सड़क को 15 मीटर चौड़ा करने के लिए आरसीसी की दीवार लगा रही है। दीवार लगाने के लिए पर्यावरण नियमों को दरकिनार कर पोकलेन मशीन से की गई खुदाई में एक दर्जन से अधिक पेड़ों को धराशयी कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी ने इन पेड़ों के कटान के लिए ना तो नगर निगम धर्मशाला से अनुमति ली है और न ही वन विभाग से एनओसी (NOC)। लेकिन इसके बावजूद कार्य प्रगति पर है। पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर विजय गुलेरिया ने कहा कि क्षेत्र में दो दिन पूर्व हुई मूसलाधार बारिश के कारण कोतवाली बाजार के पास काली माता मंदिर की पहाड़ी दरकने से हुए भूस्खलन से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इस सड़क के पुनः निर्माण के लिए 12 लाख रुपये का अनुमानित बजट बनाया गया है, जिसे अप्रूवल के लिए भेजा है। अप्रूवल मिलने उपरंत टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोकने और सड़क को 15 मीटर चौड़ा करने के लिए आरसीसी दीवार लगाने का कार्य प्रगति पर है। इस निर्माण के लिए पेड़ों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
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