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Budget Session: टांडा मेडिकल कॉलेज में नियुक्त Dietician के नियमितीकरण में फंसा यह पेच
Last Updated on March 13, 2020 by Deepak
शिमला। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल टांडा में आरकेएस के अंतर्गत नियुक्त आहारज्ञ (Dietician) को नियमित नहीं किया जा सकता है। सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के पूछे सवाल के जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने जानकारी दी है कि आहारज्ञ को नियमितीकरण नीति 27 सितंबर 2012 में निहित अपेक्षित शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण नियमित नहीं किया जा सकता है।
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वहीं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने जानकारी दी कि विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने वालों के लिए आय सीमा 60 हजार करने का सरकार का कोई विचार नहीं है। इस बारे श्री रेणुकाजी विधायक विनय शर्मा और कांगड़ा के विधायक पवन काजल ने सवाल पूछा था। ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला के प्रश्न के उत्तर में सीएम ने जानकारी दी है कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को तिब्बतीयों और कश्मीरी विस्थापितों की तर्ज पर मात्र 2 ही सीटें नहीं दी जा रही हैं।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत बीएसई (नर्सिंग) पाठयक्रम में अन्य पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत आरक्षण 200 प्वाइंट आरक्षण रोस्टर के अनुरूप दिया जा रहा है, जोकि कार्मिक विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा पत्र सख्याः पीईआर (एपी)-सी-बी (19)-1/2019 दिनांक 11 जून 2019, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की खुली भर्ती हेतू, स्थानीय एवं क्षेत्रिय आधार पर निर्धारित किया गया है ।
सरकार ओबीसी की आबादी के अनुसार जाति आधारित जनगणना करने का कोई विचार नहीं रखती है। हिमाचल में ओबीसी के लिए सरकारी नौकरी में वर्ग एक और दो के पदों पर 12 फीसदी और तीन और चार के पदों के लिए 18 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। मुकेश अग्रिहोत्री के लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने दी।