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UNION BUDGET 2022: डिजिटल यूनिवर्सिटी और रोजगार के लिए बड़ा ऐलान
संसद में आज यानी 1 फरवरी को बजट सत्र 2022 (Budget Session 2022) के दूसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। बजट में भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्व स्तरीय डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की बात कही गई।
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दरअसल, बीते 2 वर्षों के दौरान कोरोना महामारी के कारण छात्रों एवं शैक्षणिक जगत को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है। जहां एक और स्कूल कॉलेज बंद रहे वहीं ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं थे। अब केंद्र सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को प्रदान करने के लिए बाकायदा एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने का बजट प्रावधान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने की बात कही। उन्होंने बताया यह डिजिटल विश्वविद्यालय देशभर के सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। यह एक बहुभाषी विश्वविद्यालय होगा जिसका लाभ भारत के सभी क्षेत्रों में रहने वाले छात्र ले सकेंगे।
वित्त मंत्री के अनुसार, भारत का यह डिजिटल विश्वविद्यालय उच्चतम एवं बेहतरीन टेक्नोलॉजी से युक्त होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि डिजिटल विश्वविद्यालय से देश के कई विख्यात विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाएगा। आपने अपने क्षेत्र में महारत हासिल कर चुके देश के नामी विश्वविद्यालय इस डिजिटल विश्वविद्यालय की मदद करेंगे। देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों की सहायता से यहां पाठ्यक्रमों को बनाया और लागू किया जाएगा। साथ ही फैकल्टी और छात्रों को भी इस अनुभव का लाभ हासिल होगा।
- 60 लाख नई नौकरियां देने का वादा
- शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।
- आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी।
- मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।
- नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन प्रोग्राम उद्योगों की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा।
- रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का फिर से शुरू किया जाएगा।
- राज्यों में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा।
- दो लाख आंगनबाड़ी को अपग्रेड किया जाएगा।
- अगले पांच साल में 30 लाख अतिरिक्त नौकरियां सृजित करने का वादा।
- डीटीएच प्लेटफॉर्म पर पीएम ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना को 12 से 200 टीवी चैनल योजना तक बढ़ाया जाएगा।
- कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक के बच्चों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
- डिजिटल टूल्स को बेहतर उपयोग करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
- शिक्षकों को ई-कंटेंट मिल सके इसके लिए सभी भारतीय भाषाओं में टीवी, इंटरनेट, रेडियो और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी।
- पांच शीर्ष शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा।
- इन्हें 25 हजार करोड़ का विशेष फंड दिया जाएगा।
- एआईसीटीई इन संस्थानों के लिए फैकल्टी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की देखरेख करेगा।