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UAE में IPL आयोजन पर विवाद तेज: गृहमंत्री अमित शाह और जयशंकर से रोक लगाने की हुई मांग
Last Updated on August 4, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को भारतीय सरकार ने मंजूरी दे दी है। इंडियन प्रीमियर लीग की संचालन समिति ने यूएई (UAE) में होने वाले टूर्नामेंट के दौरान कोविड-19 प्रतिस्थापन को मंजूरी दी है। यह टूर्नामेंट 19 सितंबर से यूएई में शुरू होगा, जबकि 10 नवंबर को इसका फाइनल खेला जाएगा। अब यह सब फाइनल हो जाने के बाद अखिल भारतीय व्यापारी संघ (सीएआईटी) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अनुरोध किया है कि वे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें संस्करण को दुबई में आयोजित कराने की अनुमति ना दें।
बीसीसीआई के लालच को दर्शाता है यह कदम
सीएआईटी (CAIT) की तरफ से इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया गया कि हमने शाह और जयशंकर को एक पत्र भेजा है, जिसमें दुबई में आईपीएल को आयोजित करने के लिए बीसीसीआई को मंजूरी नहीं देने की मांग की गई है। यह सरकार की नीति का विरोधाभासी होगा। सीएआईटी की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ऐसे में जबकि भारतीय सीमाओं पर चीनी आक्रमण ने भारत में चीन विरोधी भावनाओं को जन्म दिया, तो बीसीसीआई का निर्णय सरकार के फैसलों के विपरीत है। सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी।सी। भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक और विंबलडन जैसे टूर्नामेंटों को रद्द करने का हवाला देते हुए कहा कि बीसीसीआई के फैसले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। बीसीसीआई का यह कदम पैसों के प्रति उसकी लालच को दर्शाता है।
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बीसीसीआई ने रविवार को हुई अपनी आईपीएल गवर्निग काउंसिल की बैठक में फैसला किया है कि लीग की टाइटल स्पॉन्सर वीवो ही रहेगी। भारत और चीन के बीच इस समय विवाद चल रहा है लेकिन यह फैसला कानूनी टीम से सलाह के बाद और प्रायोजक करार को ध्यान में रखकर लिया गया है। वहीं, सीएआईटी की तरफ से भारत-चीन सीमा पर विवाद होने के बाद से चीनी सामनों के बहिष्कार का आह्वान किया गया है। ऐसे में इस वीवो की स्पॉन्सरशिप को जारी रखना भी बीसीसीआई और सीएआईटी के बीच के आंतरिक विरोधाभास का कारण हो सकता है।