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इस बार बदले-बदले नजर आएंगे चिंतपूर्णी के मेले, रखना होगा इन बातों का ध्यान
Last Updated on August 4, 2021 by Sintu Kumar
ऊना। चिंतपूर्णी में आगामी 9-16 अगस्त तक मनाए जाने वाले श्रावण अष्टमी नवरात्र मेले को लेकर जिला प्रशासन ऊना (District Administration Una) ने कोविड एसओपी (SoP) जारी कर दी हैं। डीसी राघव शर्मा (DC Raghav Sharma) ने बताया कि नवरात्र मेले (Navratri fair) के दौरान श्रद्धालुओं को चलते हुए ही दर्शन करने की अनुमति रहेगी। साथ ही मंदिर के धर्मशाला में केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही ठहरने की अनुमति रहेगी। मेले के दौरान मंदिर केवल रात्रि 11 बजे से 12 बजे तक सिर्फ एक घंटा दर्शन के लिए बंद रहेगा। डीसी बताया कि श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची लेने के साथ-साथ कोविड-19 की स्क्रीनिंग भी करवानी होगी। वहीं, प्रशासन ने कोरोना काल में भीड़ न लगे इसके चलते मंदिर परिसर के भीतर भजन, कीर्तन, सत्संग, भागवत पर बैन लगाया है। साथ ही मंदिर परिसर में भीड़ लगने की स्थिति में दर्शन पर्ची रोकने के भी निर्देश दिये हैं। कोरोना काल के चलते चिंतपूर्णी क्षेत्र में लगने वाली रेहड़ी-फहड़ी दुकानों को भी बंद रखने के निर्देश जारी किये हैं। वहीं, राघव शर्मा ने जानकारी दी कि श्रद्धालु इस दौरान केवल सूखा प्रसाद ही चढ़ा पाएंगे। साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर में बैठने, खड़े होने तथा इंतजार करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि श्रदालुों को मंदिर परिसर में झंडा ले जाने की अनुमति नहीं होगी, केवल मंदिर अधिकारी द्वारा चिन्हित स्थान पर ही झंडा चढ़ाया जा सकता है।
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दर्शन से पहले होगा कोरोना जांच
डीसी राघव शर्मा ने कहा कि कोरोना जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिलेगी। श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने न्यू बस स्टैंड, चिंतपूर्णी सदन और शंभू बैरियर पर कोरोना जांच केंद्र (Corona Test Center) बनाए हैं। वहीं, श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर गेट पर एक फीट की शारीरिक दूरी बनाये रखने का भी निर्देश दिया गया है। वहीं, श्रद्धालु अपने जूते व चप्पल अपने वाहनों में ही रखकर मंदिर प्रांगण में प्रवेश करेंगे। खास बात यह है कि मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे। इसके लिए जगदंबा ढाबा, मंगत राम की दुकान के समीप व पुराना बस अड्डा के पास व्यवस्था की गई है। साथ ही, मंदिर के भीतर श्रद्धालुओं का मूर्तियों, धार्मिक किताबों, घंटियों को छूना वर्जित रहेगा। वहीं, दर्शन के बाद मंदिर में प्रसाद व पवित्र जल का वितरण भी नहीं होगा। प्रशासन ने 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने घरों में रहने की सलाह दी है।
हवन और कन्या पूजन पर रहेगी रोक
राघव शर्मा ने बताया कि पुजारी श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद वितरित करेंगे और न ही मौली बांधेंगे। उनके द्वारा किसी एक श्रद्धालु या श्रद्धालुओं के समूह के लिए पूजा अर्चना भी नहीं की जाएगी। कन्या पूजन और हवन आयोजन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुजारियों को भी कोरोना संक्रमण के लिए निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी।
चिंतपूर्णी सदन के लिए एसओपी
डीसी ने बताया कि चिंतपूर्णी सदन में श्रद्धालु पंजीकरण के लिए संपर्क करेंगे, इसके लिए पंजीकरण और कोरोना जांच के लिए समुचित काउंटरों की व्यवस्था होगी। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ हेतु उचित मात्रा में सुरक्षा सामाग्री की व्यवस्था रहेगी। बाथरूम अथवा टॉयलेट सहित संपूर्ण परिसर को नियमित अंतराल पर सेनिटाइज करना होगा। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए जाएंगे। डीसी ने कहा कि दुकानदार व होटल मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टाफ और आगंतुकों द्वारा फेस कवर का प्रयोग, हाथों को धोना, शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। वहीं, इन नियमों के उल्लंघन करने पर तीन दिन के बंद कर दी जाएगी।