मौनी अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम
इस दिन शुभ कार्य नहीं करना चाहिए
Update: Sunday, February 3, 2019 @ 4:42 PM
माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इन दिनों प्रयागराज में चल रहे कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी मौनी अमावस्या यानी सोमवार 4 फरवरी को होगा। मौनी अमावस्या सोमवती होने के चलते एक बड़ा योग बन रहा है, यह दुर्लभ योग 71 वर्ष बाद कुंभ के दौरान बन रहा है। कहते हैं इस दिन पावन त्रिवेणी तट पर स्नान करने, पूजा-पाठ करने और दान करने से अन्य दिनों में किए गए स्नान-दान से कई गुना अधिक पुण्य फल साधक को मिलता है। इस दिन मौन रहकर डुबकी लगाने पर अनंत फल प्राप्त होता है। अमावस्या के दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है, इसलिए ईश्वर की भक्ति करना इस दिन शुभ माना जाता। साथ ही पूजा, जप-तप तो बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि इस दिन शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की संभावना ज्यादा रहती है। आज हम आपको उन कामों के बारे में बता रहे हैं जो अमावस्या के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.![]()
- अमावस्या के दिन देवता -पितरों का माना जाता है। घर में सुख-शांति और खुशी का माहौल पितरों की कृपा से बनती है। पितरों को खुश करने और कृपा पाने के लिए जहां तक हो सके अपने आप पर काबू रखें किसी से बिना वजह गाली गलौज मारपीट न करें। कहीं भी किसी से क्लेश न करें। घर के माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए पूजा-पाठ करें और अपने पितरों से आशीष लें।
- इस दिन गरीब या जरूरतमंद इंसान की मदद करें। मदद न भी कर सके तो, कम से कम उसका अपमान न करें। उसके दिल को न दुखाएं। गरीब आदमी के दिल को ठेस पहुंचाने से शनि और राहु-केतु रुष्ट हो जाते हैं और उनके प्रकोप से आपके जीवन में उथल-पुथल मच सकती है।
![]()
- मेहंदी, बरगद, इमली, पीपल के पेड़ों के नीचे नहीं जाना चाहिए। कहते हैं कि इस दिनों भूतों का पेड़ों पर वास रहता है और अमावस्या के दिन वो और भी शक्तिशाली हो जाते हैं। यह मनुष्य को वश में कर दुखी करते है। इसलिए इन पेड़ो के समीप जाने से भी इस दिन बचना चाहिए।
- अमावस्या के दिन श्मशान भूमि के आस-पास या अंदर जाने से हर वर्ग के लोगों को नहीं बचना चाहिए, क्योंकि इस दिन और रात में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है, जो हानि पहुंचाती हैं ये शक्तियां मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से परेशान करती हैं।