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शिमला। उच्चतर शिक्षा विभाग उन कॉलेजों को रूसा के तहत ग्रांट नहीं देगा, जो रूसा में निहित मापदंड के अनुरूप काम नहीं करेंगे। यानी जो कॉलेज प्रशासन रूसा के तहत मिली ग्रांट तय मद पर खर्च नहीं कर पाए हैं, उन्हें अगली ग्रांट जारी नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी कॉलेजों को एक माह के भीतर तय काम पूरा करने को कहा है। विभाग ने ऐसा न करने वाले कॉलेजों की रूसा के तहत मिलने वाली ग्रांट रोकने की चेतावनी दे दी है। यही नहीं, शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को जल्द से जल्द ग्रांट खर्च का ब्यौरा विभाग को देने के निर्देश भी दिए हैं।
समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा निदेशालय ने लिया फैसला
उच्च शिक्षा निदेशालय में आज हुई रूसा की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. बीएल विंटा ने कॉलेजों में रूके हुए कार्यों पर चर्चा की और ग्रांट खर्च का ब्यौरा भी लिया। रूसा की समीक्षा बैठक में प्रदेश के 70 से अधिक कॉलेजों के प्रधानाचार्य शामिल हुए। इसमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, कलस्टर विश्वविद्यालय मंडी, न्यू मॉडल कॉलेज और अपग्रेड कॉलेज भी शामिल थे। बैठक में रूसा की ग्रांट खर्च न कर पाने वाले कॉलेज प्रधानाचार्यों से जवाब भी मांगा गया। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने कहा कि जो कॉलेज इन कार्यों को तय समय में पूरा नहीं करेंगे, उन्हें रूसा के तहत अगली ग्रांट नहीं दी जाएगी। निदेशक ने कॉलेज प्रधानाचार्यों को एक माह में सभी रूके हुए कार्यें को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में स्टेट हायर एजुकेशन प्लान पर भी चर्चा की गई। इसमें कॉलेज प्रधानाचार्यों से भविष्य में इस प्लान में और क्या नया हो सकता है इस बारे में सुझाव मांगे गए। स्टेट हायर एजुकेशन प्लान को लेकर विभाग द्वारा संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई है। यह कमेटी दिसंबर माह तक स्टेट हायर एजुकेशन प्लान तैयार करेगी और उसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।
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