नरक चतुर्दशी के दिन करेंगे ये काम तो यम के भय से मिलेगी मुक्ति
Update: Friday, November 13, 2020 @ 9:13 AM
नरक चतुर्दशी हर साल कार्तिक मास के कृष्ण चतुदर्शी को दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी को यम चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी छोटी दीवाली भी कहा जाता है। इस दिन यमराज की पूजा व व्रत का विधान है। इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है।ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन कुछ विशेष कार्य कर यम और माता महालक्ष्मी को प्रसन्न कर लेता है। उसे नरक नहीं भोगना पड़ता है।
इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया। नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था। शास्त्रों में कहा गया है कि नरक चतुर्दशी कलयुग में मानव योनि में उत्पन्न हुए लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। नरकचतुर्दशी के दिन अभ्यंगस्नान, यमतर्पण, आरती, ब्राह्मणभोज, वस्त्रदान, यमदीपदान, प्रदोषपूजा, शिवपूजा, दीपप्रज्वलन जैसी धार्मिक विधियां करने से कोई भी मनुष्य अपने सभी पाप बंधन से मुक्त हो कर हरीपद को प्राप्त कर सकता है।
शानदार योग से चमकेगी किस्मत
इस बार दिवाली के दिन गुरु, शुक्र और शनि ग्रहों का दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस दिवाली पर गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में, शनि अपनी राशि मकर में और शुक्र कन्या राशि में नीचे का रहेगा। इस प्रकार ग्रहों की स्थिति बहुत शुभ है। दरअसल गुरु की स्थिति अच्छी होने के कारण लोगों के धन और आय में वृद्धि होगी।
नरक चतुर्दशी के दिन जरूर करें ये काम :
- नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तेल लगाकर ही स्नान करें।
- सूर्योदय के बाद स्नान बिल्कुल न करें। ऐसा करने से सालभर के शुभ कार्यों का फल नष्ट हो जाता है।
- स्नानादि कर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर यमराज से प्रार्थना करें। ऐसा करने से सालभर के पाप नष्ट हो जाते हैं।
- नरक चतुर्दशी की शाम देवताओं का पूजन करके घर, चौखट, सड़क, नाली आदि प्रत्येक स्थान पर दीपक जलाकर रोशनी अवश्य करें।
- इस दिन घर के प्रत्येक स्थान को स्वच्छ कर, वहां दीपक लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में स्थायी लक्ष्मी का वास और दरिद्रता का नाश होता है।