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नई दिल्ली। आईएसआईएस के चुंगल से बचकर आए भारतीय डॉक्टर के. रामामूर्ति ने कहा कि उनसे आईएस आतंकियों ने जबरदस्ती सर्जरी करने के लिए दबाव बनाया। आपनी आप बीती सुनाते हुए डॉक्टर कई बार भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि 10 दिन के भीतर उन्हें 3 बार गोली मारी गई। ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर जबरदस्ती सर्जरी करने के लिए फोर्स किया गया। उन्हें वजू करना और नमाज पढ़ना सिखाया गया यहीं नहीं, जबरदस्ती हिंसक वीडियो भी उन्हें दिखाए गए।
जिन्हें देख पाना उनके लिए बहुत मुश्किल था। डॉक्टर राममूर्ति ने बताया कि ‘रमजान के समय कुछ आईएसआईएस के आतंकियों ने मुझसे मदद मांगी। मेरे इनकार करने पर वह जबरदस्ती मुझे उठाकर ले गए। मुझे सबसे पहले सिरटे शहर की जेल पहले ले जाया गया था। इसके बाद वे पता नहीं क्यों मुझे एक अंडरग्राउंड जेल में ले गए। वहां मैं तुर्की के लोगों से मिला। वहां आईएसआईएस के लोगों ने इस्लाम के बारे में और नियमों के बारे में बताया। इसके बाद वहां लोगों ने नमाज पढ़नी सिखाई और वजू करना सिखाया। दो महीने तक यही चलता रहा।
आईएसआईएस द्वारा टॉर्चर किए जाने के बारे में राममूर्ति बोले, ‘जब मैं कैंप में काम कर रहा था तब 10 दिन के भीतर मुझे तीन बार गोली मारी गई। बाएं हाथ और दोनों पैरों में गोलियां लगी हैं। उन्होंने मुझे ऑपरेशन थियेटर में जाकर सर्जरी करने और टांके लगाने के लिए जबरदस्ती की, लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया। आईएसआईएस ने कभी मुझे मारा पीटा नहीं, लेकिन वे गाली देते थे। वे पढ़े-लिखे थे और भारत के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं।’ आईएसआईएस के आतंकियों के बारे में राममूर्ति बोले, ‘एक दिन आईएसआईएस के लोग मेरे पास आए और अपने साथ चलने को कहा। इसके बाद एक अन्य भारतीय के साथ वे लोग मुझे अपनी सेंट्रल जेल ले गए। जेल में मैं दो अन्य भारतीयों से मिला। उन्हें भी जबरदस्ती पकड़ लिया गया था और वे दो महीने से जेल में ही थे। आईएसआईएस के लड़ाकों ने मुझे वीडियो दिखाए, जिसमें दिखाया गया था कि उन्होंने ईराक, सीरिया और नाइजीरिया में क्या किया। यह देखना बहुत मुश्किल था इसके बाद वे पता नहीं क्यों मुझे डराकर आईएसआईएस ने मुझे कई जेलों में शिफ्ट किया।’
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