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धर्मशाला में Rajan Sushant का धरना, पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर गरजे
Last Updated on September 5, 2020 by Deepak
धर्मशाला। हिमाचल में नया क्षेत्रीय राजनीतिक दल बनाने की तैयारियों में जुटे पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत (Dr. Rajan Sushant) ने शनिवार को धर्मशाला में डीसी कांगड़ा (DC Kangra) कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना (Protest) दिया। राजन सुशांत ने यह धरना प्रदेश के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल करने के समर्थन में दिया और सरकार से 18 सितंबर तक निर्णय लेने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि हिमाचल के करीब एक लाख कर्मचारी जिनकी नियुक्ति पहली जनवरी 2004 के बाद हुई है, उन्हें पुरानी पेंशन योजना से बाहर रखा गया है। इन कर्मचारियों की अब रिटायरमेंट होने लगी हैं, लेकिन इन्हें अब आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
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सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद 25000 मिलना चाहिए उसे महज 2500 रुपए मिल रहा है। इन्हें मनरेगा मजदूर से भी कम पैसे मिल रहे हैं। इन कर्मचारियों ने अपनी जवानी प्रदेश के विकास में लगाई, लेकिन सरकार उनके बुढ़ापे में उनसे उनकी सिक्योरिटी ही छीन रही है। पेंशन इन कर्मचारियों के लिए एहसान नहीं, बल्कि उनके किए गए कामों का आभार है। जिससे वह अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में गरिमा पूर्ण जीवन व्यतीत करें। इस दौरान पूर्व सांसद के साथ काफी संख्या में लोग भी धरने पर बैठे। सुशांत ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से नई पेंशन में शामिल कर्मचारी हजार से ढाई हजार की पेंशन लेकर सेवानिवृत्त होने को मजबूर हैं।
जयराम सरकार को अपने खर्चों पर लगानी चाहिए लगाम
केंद्र ने किसी भी राज्य सरकार को पुरानी पेंशन बंद करने को नहीं कहा है। यह फैसला राज्यों पर छोड़ा है। जयराम सरकार (Jai Ram Govt) को पश्चिम बंगाल की तर्ज पर जनवरी 2004 से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाना चाहिए। प्रदेश की वित्तीय हालत खराब रहने तक सभी विधायकों की पेंशन भी बंद करनी चाहिए। सरकार को अपने खर्चों पर लगाम लगानी चाहिए। उम्र भर सरकार की सेवा में समर्पित कर्मचारियों को आर्थिक लाभ देते समय सरकार के हाथ खड़े हो रहे हैं, जबकि विधायकों (MLA) को वेतन-भत्ते देने के लिए सरकार को समस्या नहीं है। मंत्री-विधायक कर्मचारियों के मुकाबले 75 गुना ज्यादा वेतन-भत्ते और पेंशन ले रहे हैं। सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भागने को आर्थिक तंगी का बहाना बना रही है। राजन सुशांत ने दो टूक कहा है कि अगर सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों की पेंशन बहाली की बात नहीं मानी तो प्रदेशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
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