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धर्मशाला। तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा के मैक्लोड़गंज (McLeodganj) स्थित अस्थाई निवास स्थान के आस-पास के ड्रोन के उड़ने से हड़कंप मचा दिया। मंदिर के ऊपर ड्रोन उड़ता देख सुरक्षा बलों के होश उड़ गए। आनन फानन में ड्रोन को कब्जे में लिया और इसकी जांच शुरू की। ड्रोन (Drone) को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब (Forensic Lab) भेजा। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि एक अमेरिकी प्रोफेसर ने मैक्लोड़गंज और आसपास के क्षेत्रों की सुंदरता को कैद करने के लिए एक होटल से ड्रोन को उड़ाया था। पुलिस ने अमेरिकी प्रोफेसर से पूछताछ की है। अमेरिकी प्रोफेसर दलाई लामा से मिलने मैक्लोडगंज आया हुआ है। कल उसकी मुलाकात होनी है। अब मुलाकात पर भी संशय बना हुआ है।
अमेरीकी प्रोफेसर जोश इगनैशियो कार्वेला अपने ग्रुप के साथ नोरबू हाउस में रह रहा था। पुलिस को दिए बयान में अमेरिकी प्रोफेसर ने बताया कि वो अपने ग्रुप के साथ दलाई लामा से मिलने आया था। अमेरिकी प्रोफेसर को दलाई लामा से मिलने के लिए 23 अक्टूबर का समय मिला था। पुलिस पूछताछ में अमेरिकी नागरिक ने बताया कि वह धर्मशाला के नैसर्गिक सौंदर्य को अपने कैमरे में कैद करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने ड्रोन उड़ाया। अमेरिकी प्रोफेसर ने कहा कि उसे बिना अनुमति के ऐसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Electronic Gadget) का इस्तेमाल नहीं करने संबंधी जानकारी नहीं थी।
उसे पता नहीं था कि यह प्रतिबंधित क्षेत्र है। पुलिस ने ड्रोन के साथ अमेरिकी नागरिक का मोबाइल फ़ोन भी जब्त कर लिया है। एएसपी (ASP) दिनेश कुमार ने कहा कि अमेरिकी नागरिक ने प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाया था। ड्रोन में लगाए मोबाइल से अमेरिकी नागरिक दलाई लामा के अस्थाई निवास स्थान के आसपास के वीडियो शूट करने के साथ फोटो खींच रहा था। पुलिस ने अमेरिकी नागरिक से पूछताछ की है। ड्रोन और मोबाइल को कब्जे में ले लिया गया है। ड्रोन कैमरे को जांच के लिए फॉरेंसिक जांच में भेजा है। इससे पूर्व भी 29 सितंबर 2018 को दलाई लामा के मैक्लोड़गंज स्थित अस्थाई निवास स्थान के साथ लगते नामग्याल बौद्ध मठ के एक कमरे के बाहर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Electronic Gadget) मिला था। इसे सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना गया था।
दरअसल दलाई लामा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय द्वारा मॉनिटर की जाती है। वर्तमान में दलाई लामा की सुरक्षा तीन स्तरीय है, जिसमें हिमाचल पुलिस की द्वितीय सशस्त्र वाहिनी के डीएसपी के अधीनस्थ 108 पुलिस कर्मचारी 24 घंटे दलाई लामा की सुरक्षा में तैनात हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय तिब्बती प्रसाशन के सुरक्षा विभाग का सुरक्षा घेरा रहता है व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी तैनात हैं। हर प्रवेश द्वार पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (स्कैनर) लगे हुए हैं, जहां से हर आगुन्तक की गहनता से जांच करने के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है। इस पूरे परिसर में किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Electronic Gadget) , मोबाइल फोन, बैग व अन्य सामग्री ले जाने पर प्रतिबंध है।
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