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एक बार फिर बढ़ने वाले हैं आलू के दाम, Farmers को नहीं मिल पाएगी लागत
Last Updated on March 7, 2020 by
नई दिल्ली। लगातार हो रही बारिश (rain) के कारण आलू के खेतों के पानी भर चुका है जिसके कारण आलू के दाम बाजार में बढ़ सकते हैं लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं होगा। दरअसल, खेतों में पानी भरने के कारण आलू (Potato) के सड़ने का खतरा बढ़ गया है। जो आलू सड़ेगा नहीं वो काला पड़ जाएगा। उसके दाम कम हो जाएंगे। साथ ही ये भी हो सकता है कि किसानों को उनकी फसल की लागत भी ना मिल पाए।
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बता दें, यूपी में 30 से 35 करोड़ पैकेट आलू का उत्पादन होता है। जिसका बजन 50 किलो होता है। इसमे से 25 करोड़ पैकेट कोल्ड स्टोरेज में रख दिया जाता है। जो धीरे-धीरे बाज़ार में सप्लाई होता है। बाकी का 5 से 10 करोड़ पैकेट खेतों से सीधे बाज़ार में बेच दिया जाता है। इस बार आलू की फसल बहुत अच्छी हुई थी। 50 किलो आलू की लागत इस बार 625 रुपए आई थी। वहीं बाज़ार में आलू की खरीद 700 से 750 रुपए प्रति 50 किलो बोरी चल रही है। इस तरह से हर एक बोरी पर 75 से 125 रुपए का फायदा होने की ऊमीद जताई जा रही थी लेकिन, बारिश के कारण 15 दिन से पहले ज़मीन में दबे आलू का हाल मिलना भी मुश्किल है।