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Corona के कारण इस साल कुल 12 लाख करोड़ कर्ज लेगी सरकार; बाजार से 4.2 लाख करोड़ अधिक उठाएगी
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच इस वैश्विक महामारी का असर हमारे देश की अर्थव्यवस्था (Economy) पर कितना पड़ रहा है, इस बात को इस खबर से समझा जा सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने कोविड-19 के चलते राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बाज़ार से उधारी सीमा में 4.2 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी कर इसे कुल 12 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। इससे पहले सरकार ने बजट 2020-21 में बाज़ार से कुल 7.80 लाख करोड़ रुपए ऋण (Loan) लेने का अनुमान रखा था। इसका मतलब साफ है कि एक्स्ट्रा 4.2 लाख करोड़ रुपए जो लिए जाएंगे उसे कोरोना से इकॉनमी को बचाने पर खर्च किया जाएगा।
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सरकार ने साप्ताहिक उधारी लक्ष्य को भी बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपए कर दिया है। इससे पहले 31 मार्च को साप्ताहिक उधारी को 21,000 करोड़ रुपए तय किया गया था। सीतारमण द्वारा एक फरवरी, 2020 को पेश केंद्रीय बजट में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा को जीडीपी के 3.5 फीसद पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया था। इस समय उधारी की सीमा में वृद्धि और राजस्व में भारी कमी को देखते हुए इस बात का आकलन मुश्किल लग रहा है कि राजकोषीय घाटे में कितनी अधिक वृद्धि होगी। पिछले दिनों मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने भी कहा कि सरकार राहत पैकेज पर विचार कर रही है और इसे जल्द लाया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा था कि राहत पैकेज कितना बड़ा होगा।