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बजट चर्चाः विपक्ष ने Himachal की वित्तीय स्थिति पर सरकार से मांगा श्वेत पत्र
Last Updated on March 13, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल (Himachal) के वर्ष 2020-21 के बजट पर विधानसभा में चल रही चर्चा के तीसरे दिन आज विपक्ष ने राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला। प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की सरकार से मांग भी की। वहीं, हिमाचल की खस्ता वित्तीय हालत के लिए सत्तापक्ष के सदस्यों ने पूर्व कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।
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कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट (Budget) में कुछ विशेष नहीं है। कर्ज के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश की गई है। उन्होंने इस बजट को दिशाहीन करार दिया। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मौजूदा सरकार अब तक 12,770 करोड़ रुपए का कर्जा ले चुकी है और जब सरकार का 5 साल का कार्यकाल पूरा होगा, उस समय प्रदेश पर 75 से 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज होगा। उन्होंने कहा कि सरकार पर आज करीब 59 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है और सरकार की औसत ऋण लेने की दर 6 हजार करोड़ प्रति वर्ष है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से हिमाचल को अलग क्या मिला है, जबकि नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नोटबंदी के कारण देश में मंदी आई है। नोटबंदी में घरों से भी पैसा निकाला गया और इसके कारण मंदी का असर देश पर पड़ रहा है। जबकि पहले मंदी का असर यहां नहीं पड़ता था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार स्वायत संस्थाओं में हस्तक्षेप कर रही है। चौहान ने कहा कि बजट में संसाधन जुटाने के लिए कदम उठाने का कोई जिक्र नहीं है। ना ही सरकार अपने खर्च कम कर रही है। उन्होंने कहा कि सीएम, मंत्री और सत्ता में बैठे लोग खर्च कम करेंगे तो नीचे भी खर्च कम होंगे। उन्होंने कहा कि अब बीजेपी ने भी मानना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस ने काम किया है और बजट में इसका जिक्र किया गया है।
बीजेपी (BJP) के चीफ व्हिप एवं विधायक नरेंद्र बरागटा ने कहा कि सीएम ने लगातार तीसरी बार टैक्स फ्री बजट पेश किया है और हर वर्ग का ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि विदेशों से सेब का आयात कम करने के लिए पूर्व अटल और मौजूदा मोदी सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं, जबकि पूर्व कांग्रेस (Congress) सरकार ने सेब के नाम पर केवल राजनीति ही की। उन्होंने विदेशों से रूट स्टाक मंगवाने के बागवानी विभाग के फैसले का बचाव किया और कहा कि इससे जहां प्रदेश में पैदा होने वाले सेब की गुणवत्ता में सुधार आएगा, वहीं उत्पादन भी बढ़ेगा। बरागटा ने शिमला जिले के जरोल-टिक्कर, गुम्मा और रोहड़ू में स्थित सीए स्टोर की क्षमता बढ़ाने के लिए बजट में प्रावधान किए जाने पर सीएम का आभार जताया।
बीजेपी विधायक नरेंद्र ठाकुर ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में लंबे समय तक रही, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं किया, जबकि केंद्र की मोदी और प्रदेश की जयराम सरकार ने किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। कांग्रेस विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है और इससे निपटने के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि महंगाई भी चिंता का विषय है और इसे काबू करना आसान नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह कहते हैं कि ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा, लेकिन जो पैक करके ले जाएगा, उसका क्या करेंगे।