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शिमला। विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान बिरोजा निकालने का मामला गूंजा। बीजेपी सदस्य डॉ. राजीव बिंदल ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया और कहा कि बिरोजा निकालने में नियमों की खुलेआम उल्लंघना हो रही है। नियमों के मुताबिक जितनी दूरी पर बिरोजा निकालने को टक लगाने चाहिए, वह नहीं लग रहे और इससे वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से टक लग रहे हैं, उससे जंगल तबाह हो जाएंगे और आग लगने और तूफान आने की सूरत में जंगल तबाह हो जाएंगे।
डॉ. बिंदल ने कहा कि पेड़ में 10-10 फीट तक 15-15 टक लग रहे हैं और गैप भी बहुत ही कम है। यह सरासर नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने बिरोजे निकालने में कोताही बरतने वालों पर क्या कार्रवाई की और इस कार्य में जो घोटाला हो रहा है, उसकी क्या जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत टक नियमों के खिलाफ लगाए जा रहे हैं। उन्होंने निजी जंगलों में बिरोजा निकालने की वैज्ञानिक विधि अपनाने की मांग की।
वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि बिरोजा निकालने में यदि कोई कोताही बरती गई है तो सरकार इसकी जांच करवाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग बिरोजा निकालने के काम पर नजर रखे हुए हैं, फिर भी यदि कोई मामला सामने आएगा तो जांच होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014, 2015 और 2016 में जंगलों में बिरोजा निकासी के मामलों में नियमों के अनुपालना न करने के 17862 मामले पकड़े गए हैं। इसमें से 14456 सरकारी वनों और 3406 मामले निजी वनों के हैं। उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश वन विभाग के अधीन जंगलों में बिरोजा निकासी के मामलों में नियमों के अनुपालना न करने के पकड़े 14456 मामलों में नियमों के तहत 4596199 रुपए वसूले गए हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्रों में नियमों की अनुपालना न करने पर 3406 मामले पकड़े गए। इसमें जुर्माने के रूप में 1909791 रुपए वसूले गए हैं।
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