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हिमाचलः ऑटो यूनियन-एचआरटीसी प्रबंधन में माहौल गर्म, बीच में आई पुलिस
मंडी। एचआरटीसी (HRTC) द्वारा मंडी शहर में चलाई जा रही ई-टैक्सी का लगातार विरोध जारी है। सोमवार को ऑटो यूनियन (Atuo Union) ने मंडी बस स्टैंड के मुख्य द्वार पर धरना-प्रदर्शन किया और राइड विद प्राइड ई-रिक्शा को चलने नहीं दिया। प्रदर्शन के दौरान ऑटो यूनियन व एचआरटीसी प्रबंधन (HRTC Management) में तनातनी का माहौल पैदा हो गया। विरोध को उग्र होते देख सदर थाना की टीम मौके पर पहुंची और ऑटो यूनियन को शांत करवाया। ऑटो यूनियन का आरोप है कि शहर में चलाई जा रही राइड विद प्राइड ई-टैक्सी सेवा (Ride With Pride eTaxi Service) की वजह से आटो चालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें रोजी-रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है। ऑटो यूनियन मंडी के प्रधान ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई गई एचआरटीसी की राइड विद प्राइड ई टैक्सी से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह गाड़ियां अपनी मनमर्जी और ओवरलोडिंग (Overloading) के साथ चल रही है, जिससे ऑटो रिक्शा वालों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक इनका कोई स्थाई समाधान सरकार और प्रशासन द्वारा नहीं किया जाता हैए तब तक ऑटो यूनियन इन गाड़ियों का शहर में चलने का विरोध करती रहेगी।
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वहीं, एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक गोपाल शर्मा ने बताया कि मंडी (Mandi) शहर में 6 राइड विद प्राइड ई टैक्सी चलाई जा रही हुई है। उन्होंने कहा कि मंडी शहर में लोगों को सस्ती दरों पर एचआरटीसी द्वारा सेवा मुहैया करवाई जा रही है, जबकि ऑटो वाले बस स्टैंड से हॉस्पिटल के लिए ऑटो वाले 40 से 50 किराया वसूल करते हैं। एचआरटीसी द्वारा चलाई जा रही राइड विद प्राइड ई टैक्सी 10 रुपए पर यात्री बस स्टैंड से हॉस्पिटल ले जाती है। क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि एचआरटीसी द्वारा नियमों (Rules) के तहत ही राइड विद प्राइड ई-टैक्सी सेवा का संचालन किया जा रहा है और यदि ऑटो यूनियन को इसके बारे में कोई आपत्ति है तो जिला प्रशासन को इसकी शिकायत कर सकती है, जिस पर एचआरटीसी भी अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है।