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नई दिल्ली। सुस्ती से लगातार जूझ रही अर्थव्यवस्था (Economy) के लिए शुक्रवार को थोड़ी राहत भरी खबर आई है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी विकास दर (GDP growth rate) मामूली बढ़कर 4.7% रही है। इन आंकड़ों पर जानकारों का कहना है कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले कुछ महीनों में किए उपायों का असर सामने आ रहा है। बात दें कि दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर महज 4.5% रही थी, जो साढ़े छह सालों का निचला स्तर था।
एनएसओ ने 2019-20 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित कर 5.6 प्रतिशत तथा दूसरी तिमाही के लिये 5.1 प्रतिशत कर दिया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले महीने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। वहीं, रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर 2019 में 6 फीसदी रही जो 27 साल से अधिक समय का न्यूनतम स्तर है। वहीं कैलेंडर वर्ष 2019 में चीन की वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही जो तीन दशक में सबसे कम है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसमें एक साल पहले 5.2 फीसदी विस्तार था। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कृषि क्षेत्र जीवीए की वृद्धि दर 3.5 फीसदी थी। कंस्ट्रक्शन सेक्टर जीवीए की ग्रोथ में भी 0.3 फीसदी की कमी रहा है। खनन क्षेत्र की वृद्धि 3.2 फीसदी पर आ गई, जबकि एक साल पहले यह 4.4 फीसदी थी। बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवा खंड में 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले 9.5 फीसदी थी।
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