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फरिश्तों से बातें करते थे एडगर केसी
Update: Saturday, January 20, 2018 @ 9:15 AM
एडगर केसी अपनी अतींद्रय क्षमताओं के कारण स्लीपिंग प्रॉफेट कहे जाते थे। ट्रांस में जाकर भूत- भविष्य की घटनाओं को जान लेने का यह अंदाज निराला था। अमेरिका का नगर कैन्टुकी के पास ही एक गांव में एडगर का जन्म हुआ। बचपन से ही उसका दिल पढ़ाई में नहीं लगता था और टीचर्स उसकी शिकायतें करते रहते थे। हालांकि वह चर्च नियमित रूप से जाता था और बाइबिल में उसकी गहरी रुचि थी।एक बार वह जंगलों में अपनी कॉटेज में बैठा बाइबिल पढ़ रहा था अचानक उनके सामने एक पंखों वाली फरिश्तों जैसी स्त्री दिखी। उसने कहा कि तुम्हारी सारी प्रार्थनाएं सुन ली गई हैं बोलो तुम्हें क्या चाहिए ? पहले तो वह डर गया फिर हिम्मत कर के बोला।
-मैं लोगों की सहायता करना चाहता हूं खासकर बीमार बच्चों की ।
फिर वह गायब हो गई जैसे कि उसका अस्तित्व हवा में ही घुल गया हो। इसके बाद उन्हें अपनी पढ़ाई में आसानी हो गई । उन्हें अच्छे छात्रों में गिना जाने लगा। इस बीच एक दिन एडगर को पीठ में चोट लगी और वह बेहोश हो गए। डॉक्टर बुलाए गए। उन्होंने एडगर केसी को होश में लाने की अनेक चेष्टाएं कीं, पर कुछ नहीं हुआ। डॉक्टर अभी परस्पर परामर्श कर रहे थे कि एकाएक एडगर ने आंखें खोल दी और चिल्लाकर डाक्टरों से कहा−डॉक्टर तुम्हारा इलाज सही नहीं−मुझे अमुक बीमारी है, उसकी अमुक दवा है। साथ ही उसने कुछ औषधियों के नाम गिनाकर उनका पेस्ट बनाकर पीठ पर मालिश करने को कहा। यह सुनकर वहां का हर व्यक्ति आश्चर्यचकित हो गया−घर वाले इसलिए कि एडगर, ग्रामीण भाषा में बात करता है, किन्तु आज वह एकाएक शुद्ध अंग्रेजी का उच्चारण कैसे कर रहा है? डॉक्टर इसलिए विस्मित थे कि एडगर ने जो औषधियां बताई थीं वे वस्तुतः प्रभावशील थीं। वही इलाज अपनाया गया और वह ठीक हो गया। धीरे धीरे एडगर दूसरों की बीमारियों में मदद करने लगे और लोग ठीक भी होने लगे।

इससे एडगर की सर्वत्र ख्याति फैल गई−मेडिकल एसोसिएशन ने पहली बार एक ऐसे युवक को डॉक्टर की डिग्री प्रदान की तथा उसे
मेडिकल फैलोशिप प्रदान कर रोगियों को उपचार और मार्ग−दर्शन देने को कहा। हालांकि उन्हें सभी समस्याओं का हल तंद्रावस्था में ही मिलता था।
जब उनसे यह पूछा गया कि वे अचेतावस्था में ही ऐसा क्यों करते हैं। एडगर केसी का कहना था कि मुझे अनायास ही किसी के भी मस्तिष्क से अपने मस्तिष्क को जोड़ लेने की क्षमता मिल गई है। अचेतावस्था इसलिए आती है कि इस क्रिया के लिये असीमित शक्ति शरीर के कोशों से मिलती है इसी से उस समय मूर्छा आ जाती है। जब मैं रोगी के मस्तिष्क से संबंध जोड़ता हूं तो उसके कष्ट की अनुभूतियां मेरे मस्तिष्क में उस भाषा के शब्दों के साथ उतर आती है रोगी जिस भाषा का व्यक्ति होता है। तत्पश्चात् मेरा मन उस बात के जानकार की ओर घूमता है अभी तक मस्तिष्क के 1 /10 भाग को ही जानकारी मिल सकी है 9/10 भाग अभी तक भी शरीर शास्त्रियों और वैज्ञानिकों के लिये चुनौती बनी हुई है इस 9/10 भाग में असीमित क्षमताएं भरी पड़ी हैं जो टेलीविजन से भी स्पष्ट संसार का कोई भी दृश्य−बोध, संसार की कोई भी जानकारियां रेडियो तरंगों से भी शीघ्र देने में सक्षम है उस क्षमता के एक नन्हें से कण का उपयोग उस समय करके मैं डॉक्टर या उस विषय के जानकार के मस्तिष्क से जोड़ कर निदान मालूम कर लेता हूं। चिकित्सा निदान के अलावा भी उन्हों ने काफी भविष्यवाणियां कीं जो पूरे विश्व को लेकर थीं। भले ही एडगर की सारी भविष्यवाणियां सही नहीं हुईं पर कुछ एक बिल्कुल सही उतरीं। मसलन फ्रैंकलिन रूजवेल्ट की उनके ऑफिस में मौत,जॉन एफ केनेडी की हत्या, सोवियत यूनियन का विघटन तथा हिटलर की कामयाबी और पतन ये सब उनके कहे अनुसार सही हुए। उन्होंने अपनी मृत्यु की भी भविष्यवाणी कर दी थी वह भी उसी तरह और उसी दिन हुई। 1945 में एक जनवरी को उनका निधन हो गया।