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UMMEED: स्टूडेंट्स में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने तैयार की गाइडलाइन
शिक्षण संस्थानों में आत्महत्या के मामलों (Suicide Cases) में वृद्धि होना एक चिंता का विषय बन चुका है। स्टूडेंट्स (Students) द्वारा फेल हो जाने के कारण सुसाइड करने के मामले काफी सामने आए है। बीते दो सालों में भारत में स्टूडेंट सुसाइड रेट में 4.5 प्रतिशत इजाफा हुआ है, यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। पिछले दिनों राजस्थान के कोटा में हुए छात्रों के आत्महत्या के लगातार कई मामलों ने सभी को इस स्थिति पर विचार करने और जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने को आवश्यकता को प्रेरित किया है। शिक्षा मंत्रालय ने स्टूडेंट्स के आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन (Guidelines ) तैयार की है। इसका नाम है उम्मीद। इसका उद्देश्य हर एक बच्चे की सुरक्षा है और इसी के मुताबिक मोटो ‘एवरी चाइल्ड मैटर्स’ रखा गया है। UMMEED के हर शब्द का खास मतलब है।
U – Understand समझना
M – Motivate प्रेरित करना
M – Manage स्थिति से निपटना
E – Empathise सहानुभूति रखना
E – Empower सशक्त करना
D – Develop विकसित करना
गाइडलाइन में तनाव की वजह भी हाईलाइट
गाइडलाइन में बच्चों की रोजमर्रा जिंदगी (Everyday Life) में होने वाले तनाव की वजह भी हाईलाइट की गई हैं। इनमें घर से दूर स्कूल जाना, स्कूल बदलना, स्कूल से कॉलेज जाना, पेरेंट्स, दोस्त, या किसी करीबी की मौत होना जैसे पॉइंट्स शामिल हैं। इसके अलावा टीन एज में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव, पीयर प्रेशर, करियर को लेकर स्ट्रेस, एग्जाम में अच्छा करने का प्रेशर भी इन पॉइंट्स में शामिल है। ऐसे स्टूडेंट्स जो इनमें से किसी तरह के बदलाव से गुजर रहे हों, उन पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए।
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गाइडलाइंस में किए गए हैं ये प्रावधान
आइए जानते हैं इसके लिए शिक्षा मंत्रालय की UMMEED गाइडलाइंस के ड्राफ्ट में किन-किन स्टेप को उठाए जाने की बात की गई है:-
विद्यालय स्तर पर एक ‘स्कूल वेलनेस टीम’ (SWT) का गठन किया जा सकता है, जिसमें प्रिंसिपल से लेकर सम्मिलित हर अन्य सदस्य असामान्य परिस्थितियों को संभालने में सक्षम हों। SWT में प्रिंसिपल, काउंसलर, टीचर, स्कूल मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स अन्य सपोर्ट स्टाफ शामिल होंगे। SWT में सुधार नियमित रूप से किया जाएगा और हर साल इसके कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। जब भी किसी छात्र या छात्रा में खुद को नुकसान की प्रवृत्ति दिखती है तो इसके बारे में SWT को सूचित किया जाएगा। इसके बाद यह टीम उस स्टूडेंट के लिए आवश्यक कदम (necessary steps) उठाएगी। इसके अलावा टीचर्स और पेरेंट्स को बच्चों में खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति को पहचानने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ऐसे स्टूडेंट्स जिनमें आत्महत्या करने के लक्ष्ण दिखे, उनके लिए वेलनेस टीम तुरंत एक्शन ले सकेगी।